राम मंदिर में होगी अक्षत पूजा, ट्रस्ट ने ऑर्डर किया 100 क्विंटल चावल, घर-घर पहुंचाया जाएगा प्रसाद

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आगामी पांच नवम्बर को होने वाली ‘अक्षत पूजा’ के लिये 100 क्विंटल चावल मंगवाया है। पूजा के बाद इसे देश भर में रामभक्तों के बीच वितरित किया जाएगा। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने मंगलवार को बताया कि ट्रस्ट ने 100 क्विंटल चावल का ऑर्डर दिया है जिसका इस्तेमाल ‘अक्षत पूजा’ में किया जाएगा और फिर उसे देश भर में रामभक्तों के बीच वितरित किया जाएगा।

चंपत राय ने बताया कि इसके साथ ही एक क्विंटल पिसी हुई हल्दी और देसी घी का भी ऑर्डर दिया गया है। उनके अनुसार इसे ‘अक्षत पूजा’ के लिए इस्तेमाल होने वाले चावल के साथ मिलाया जाएगा और फिर उसे पीतल के अनेक कलशों में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इन कलशों को आगामी पांच नवंबर को होने वाली अक्षत पूजा के दौरान भगवान राम के दरबार के सामने रखा जाएगा और फिर इसे विश्व हिन्दू परिषद द्वारा वितरित किया जाएगा।

राय ने बताया कि विभिन्न प्रांतों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी दो करोड़ से अधिक पत्रक छपवाये गये हैं और ये पत्रक पूजित अक्षत (चावल) के साथ घर-घर भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद के सभी प्रांतों के प्रतिनिधियों को पांच नवंबर को अयोध्या बुलाया गया है और हर प्रतिनिधि को पांच किलोग्राम पूजित चावल दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि अपनी जरूरत के मुताबिक इसे अपने-अपने मंदिरों में पूजा कर जिलों के प्रतिनिधियों को देंगे एवं यही प्रक्रिया हर ब्लॉक, तहसील और गांव में की जाएगी।

राय ने बताया कि अगले साल एक जनवरी से 15 जनवरी तक भारत के पांच लाख गांवों में पूजित अक्षत वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूजे गए चावल के साथ विभिन्न इलाकों के मठ-मंदिरों में अयोध्या जैसा उत्सव मनाने की अपील की जाएगी तथा भारत भर के 50 केंद्रों के कार्यकर्ता पूजे गए चावल को विभिन्न केंद्रों तक पहुंचाएंगे। उन्होंने बताया कि पूजे गए चावल में किसी भी कृत्रिम रंग का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, इसमें सिर्फ हल्दी और देसी घी होगा एवं इसमें टूटे हुए चावल भी नहीं होंगे। राय ने आह्वान किया कि आगामी 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन हर राम भक्त शाम को पांच दीपक जलाए।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.