बिन आंधी-तूफान के जमींदोज हुआ विशाल पेड़, कई वाहन चकनाचूर

बालाघाट। रेंजर कालेज में घूमने आए लोग उस सहम गए, जब एक विशालकाय यूकोलिप्टिस का पेड़ अचानक जमींदोज हो गया। हैरानी इस बात की रही कि घटना के वक्त न तेज हवाएं चल रही थी और न ही आंधी-तूफान आया था। गनीमत रही कि हादसे में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई, लेकिन भारी-भरकम और विशालकाय पेड़ के नीचे करीब 10 से 12 दो पहिया वाहन दबकर चकनाचूर हो गए। इससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।

गुजर रहे बिजली के तार भी टूट गए

पेड़ के गिरते ही वहां से गुजर रहे बिजली के तार भी टूट गए। इससे कुछ देर के लिए बिजली आपूर्ति बाधित रही। बता दें कि रोज सुबह रेंजर कालेज परिसर में प्राकृतिक नजारों के बीच लोग सैर करने पहुंचते हैं। दो पहिया वाहन से आने वाले लोगों ने पेड़ के नीचे अपने वाहन खड़ाकर सैर के लिए निकल गए, लेकिन कुछ देर बाद कालेज के गेट के पास स्थित ग्रीन कैफे के बाईं ओर लगा यूको लिप्टिस का पेड़ एकाएक गिर गया और पेड़ की चपेट में आए वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

पुराना था पेड़, जड़ों ने छोड़ दी थी जमीन

स्थानीय लोगों ने बताया कि धराशायी होने वाला यूको लिप्टिस का पेड़ सालों पुराना था, जिसकी जड़ों ने जमीन छोड़ दी थी। यहां रोज सैर के लिए आने वाले शुभम नेवारे ने बताया कि पेड़ को देखकर ये अनुमान नहीं लगाया जा सकता था कि ये अचानक गिर पड़ेगा। गनीमत रही कि इस हादसे के दौरान पेड़ के नीचे कोई नहीं था, वरना बड़ी घटना हो सकती थी। हालांकि, घटना के कई देर बाद वन अमला मौके पर पहुंचा और एक मशीन की मदद से पेड़ की टहनियां काटी गईं।

पत्तियों से निकलने वाले तेल के औषधीय उपयोग

यूको लिप्टिस आस्ट्रेलियन मूल का पेड़ माना जाता है, जो कम समय में तेजी से बढ़ता है और सीधा फैलता है। इसे गम, लिप्टन, सफेदा व नीलगिरी के नाम से भी जाना जाता है। इस पेड़ से प्राप्त होने वाली लकड़ी का इस्तेमाल ईंधन, हार्ड बोर्ड, लुगदी, फर्नीचर, पार्टिकल बोर्ड आदि बनाने में होता है। इसकी पत्तियों से निकलने वाले तेल के औषधीय उपयोग माने गए हैं।

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