नवंबर महीने में सिर्फ 5 दिन होंगे शुभ कार्य, नोट कर लें विवाह मुहूर्त, तिथि एवं नक्षत्र संयोग

इंदौर। सनातन धर्म में विवाह को एक पवित्र संस्कार माना जाता है। विवाह का शुभ समय ज्योतिषीय पंचांग देखकर और कुंडली मिलान करके निकाला जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि शुभ समय पर विवाह करने से दंपत्ति को सौभाग्य प्राप्त होता है। इनका वैवाहिक जीवन भी सुखमय होता है। शादी तय करते समय तारीख का खास ध्यान रखा जाता है। फिलहाल चातुर्मास जारी है। इस दौरान विवाह समेत कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी की तिथि से ही विवाह आदि की शुरुआत होती है। आइए, जानते हैं कि नवंबर महीने में शादी की शुभ तारीखें और मुहूर्त कौन-से हैं।

इस दिन से शुरू होंगे विवाह मुहूर्त

देवउठनी एकादशी हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। देवउठनी एकादशी इस वर्ष 23 नवंबर को है। अगले दिन यानी 24 नवंबर को तुलसी विवाह है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को रात 11.03 बजे शुरू होगी और अगले दिन 23 नवंबर को सुबह 9.01 बजे समाप्त होगी। इस दिन से विवाह के लिए मुहूर्त शुरू होते हैं।

नवंबर माह विवाह मुहूर्त

  • विवाह का शुभ मुहूर्त 23 नवंबर है। इस दिन रेवती नक्षत्र है। वहीं, शाम के समय द्वादशी तिथि है।
  • विवाह का शुभ मुहूर्त 24 नवंबर भी है। इस दिन तुलसी विवाह भी है। इसलिए यह दिन बहुत शुभ है। इस दिन विवाह तय किया जा सकता है। हालांकि, कुंडली मिलान करके तिथि निर्धारित करना बेहतर होता है।
  • कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को है। ज्योतिषियों के अनुसार, विवाह के लिए पूर्णिमा तिथि सर्वोत्तम मानी जाती है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र है।
  • शादी का शुभ मुहूर्त 28 नवंबर को भी है। यह दिन मंगलवार है। शास्त्रों में मंगलवार के दिन विवाह वर्जित है। इसलिए तिथि निर्धारित करने से पहले किसी पंडित से सलाह जरूर लें।
  • नवंबर में शादी का आखिरी लग्न यानी शुभ समय 29 नवंबर है। इस दिन तिथि द्वितीया है और नक्षत्र मृगशिरा है। इसके बाद दिसंबर माह में विवाह का शुभ मुहूर्त है। स्थानीय तिथि भिन्न हो सकती है। इसके लिए स्थानीय पंडित से विवाह और विवाह की तारीख निश्चित करने के लिए अवश्य सलाह लें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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