इंदौर। हिंदू ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का राशि परिवर्तन को बेहद खास माना गया है। ज्योतिष मान्यता के मुताबिक, जब भी कोई ग्रह एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करता है तो इसका कम या ज्यादा असर सभी राशि के जातकों पर होता है। पंचांग के मुताबिक, शुक्र देव 03 नवंबर 2023 की सुबह 04.58 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करेंगे। इसका मेष व वृषभ राशि पर खास असर हो सकता है।
शुक्र ग्रह का प्रभाव
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक स्त्री गुण वाला ग्रह माना गया है। यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह प्रभावशाली होते हैं तो जातकों को जीवन में वैभव और सुख संपदा की प्राप्ति होती है। इन लोगों को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। धन कमाने के साथ-साथ ऐश्वर्य की भी प्राप्ति होती है। ज्योतिष मान्यता है कि यदि शुक्र अशुभ ग्रहों जैसे राहु-केतु और मंगल के साथ बैठे होते हैं तो जीवन में कई परेशानियां भी आ सकती है।
मेष राशि के काम में आएगी बाधा
शुक्र ग्रह के प्रभाव से मेष राशि वालों के जीवन में तनाव आ सकता है। ज्योतिष के मुताबिक, मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और अब यह मेष राशि वालों के छठे भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान मेष राशि वालों का काम में कई तरह की रूकावट आ सकती है। कार्यक्षेत्र पर सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकता है। नौकरी बदलने की भी नौबत आ सकती है। मेष राशि वालों को शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए रोज 41 बार “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए।
वृषभ राशि को नहीं मिलेंगे मनचाहे परिणाम
वृषभ राशि वालों के लिए भी शुक्र का गोचर शुभ परिणाम लेकर नहीं आएगा। ज्योतिष के मुताबिक शुक्र ग्रह वृषभ राशि वालों के लिए पहले और छठे भाव के स्वामी हैं, जो अब आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। वृषभ राशि वालों को कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलेगी। सुख-सुविधाओं में कमी आ सकती है। वृषभ राशि वालों को सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा। आँखों में दर्द और गले में संक्रमण आदि की शिकायत हो सकती है। बच्चों की सेहत पर भी धन खर्च करना पड़ सकता है। वृषभ राशि वालों को शुक्रदेव को प्रसन्न करने के लिए रोज 33 बार “ॐ भार्गवाय नमः” का जाप करना चाहिए।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.