भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के 18 वर्ष के कार्यकाल में शिक्षा व्यवस्था पर न तो ध्यान दिया गया और न ही संसाधन उपलब्ध कराए गए। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के हजारों पद रिक्त हैं तो प्रति लाख युवाओं पर केवल 29 कालेज हैं, जो अन्य राज्यों की तुलना में कम हैं। यह आरोप कांग्रेस प्रवक्ता डा. रागिनी नायक ने गुरुवार को लगाया।
72 प्रतिशत स्कूलों में मेडिकल सुविधा नहीं
नायक ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में कहा कि सरकारी स्कूलों में 98,562 शिक्षकों के पद खाली हैं। 36,498 स्कूलों में बिजली, 35,491 स्कूलों में पुस्तकालय, 72 प्रतिशत स्कूलों में मेडिकल सुविधा नहीं हैं। यह आंकड़े कांग्रेस के नहीं, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा संसद में दिए गए उत्तर के हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब ग्वालियर के सिंधिया स्कूल आएंगे तो हम उनसे यह प्रश्न पूछेंगे।
प्रति लाख युवा पर केवल 29 शासकीय कालेज
रागिनी ने कहा प्रदेश में प्रति लाख युवा पर केवल 29 शासकीय कालेज हैं, जबकि, तमिलनाडू में यह संख्या 40 तो कर्नाटक में 62 है। वहीं, कांग्रेस ने शिक्षा का अधिकार लागू किया। प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने पर पढ़ो-पढ़ाओ योजना में बच्चों को 500 से लेकर 1500 रुपये तक प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाएगी। छात्रवृति के भुगतान का अधिकार अधिनियम लागू करेंगे, ताकि कोई गड़बड़ी न हो। अंग्रेजी माध्यम के राज्य नवोदय विद्यालय शुरू होंगे।
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