सूर्य का गोचर 18 अक्टूबर को, नीचभंग राजयोग से 4 राशियों को होगा फायदा

इंदौर। हिंदू ज्योतिष में ग्रहों के राशि परिवर्तन को बहुत ही प्रभावशाली बताया गया है। जब भी किसी ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश होता है तो इसका प्रभाव सभी राशि के जातकों पर होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, सभी ग्रहों के स्वामी सूर्य देव 18 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश करेंगे। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, सूर्य देव जब तुला राशि में प्रवेश करेंगे तो इससे नीचभंग राजयोग निर्मित होगा, जिसका इन राशियों पर सकारात्मक असर हो सकता है।

कन्या राशि वालों की बढ़ेगी प्रतिष्ठा

सूर्य के तुला राशि में गोचर का कन्या राशि पर शुभ प्रभाव होगा। इस राशि परिवर्तन से कन्या राशि वालों की किस्मत में बड़ा बदलाव हो सकता है। अप्रत्याशित धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है। आर्थिक स्थिति में अच्छा सुधार हो सकता है। कन्या राशि वालों को पद और प्रतिष्ठा प्राप्त हो सकती है। घर से लेकर समाज में मान सम्मान बढ़ेगा। यदि आपका धन कहीं लंबे समय से फंसा हुआ है तो जल्द ही पैसा वापस मिल सकता है।

धनु राशि की बढ़ेगी बरकत

धनु राशि वालों ने लिए नीचभंग राजयोग शुभ परिणाम दे सकता है। आय के नए सोर्स खुल सकते हैं। धन की आवक के साथ ही बरकत भी बढ़ेगी। किसी डील में अच्छा मुनाफा हो सकता है। यदि आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा रहे हैं तो इस दौरान नए व्यक्तियों से अच्छा आर्थिक लाभ हो सकता है। ​करियर के लिए यह समय अच्छा रहेगा। कम मेहनत में ही अधिक फल मिलेंगे। शादीशुदा जीवन में शांति रहेगी।

मकर राशि वालों को मिलेगा प्रमोशन

सूर्य राशि का परिवर्तन 18 अक्टूबर को होगा और इस राशि परिवर्तन से मकर राशि वालों की भी किस्मत खुल जाएगी। नीचभंग राजयोग के कारण नौकरी में तरक्की मिल सकती है। इसके अलावा व्यापार से जुड़े लोगों को भी लाभ मिलेगा। आत्मविश्वास के बल पर किसी से भी आप अपनी बातों को मनवा सकते हैं। मेहनत रंग लाएगी, जो बच्चे विदेश जाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, उन्हें सफलता हासिल होगी।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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