इंदौर। कई रोगों को दूर करने के लिए फिजियोथेरेपी एक कारगर पद्धति है। यह एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें न सर्जरी की जरूरत और ना ही दवाई की। इसमें मरीज को दर्द भी नहीं होता है। यह एक सस्ती, सुलभ और उपयोगी चिकित्सा पद्धति है।
यह बात वरिष्ठ फिजियोथेरिपिस्ट डा. महेश साहू ने अलकापुरी मूसाखेडी स्थित योगेंद्र बाल विद्या मंदिर में आयोजित निश्शुल्क फिजियोथेरेपी शिविर में व्यक्त की। यह आयोजन मध्य प्रदेश वरिष्ठ नागरिक कल्याण केंद्र , एसडीपीसी और लायन्स क्लब आफ इंदौर यूनिक ने सयुंक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। आयोजन के मुख्य अतिथि जनरल फिजीशियन डा. जीएल सोढ़ी थे।
डा. सोढ़ी ने कहा कि 50 वर्ष की उम्र के बाद जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ जाती है, जिसका इलाज फिजियोथैरेपी चिकित्सा से किया जाए तो आपरेशन की नौबत नहीं आती है। वरिष्ठ नागरिकों को इस चिकित्सा पद्धति का अधिक लाभ लेना चाहिए। अध्यक्षीय उद्बोधन में माइक्रोबायोलाजिस्ट डा. आशीष अग्रवाल ने कहा कि वेरिकोज वैन दबने से भी पैरों की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में सचेत रहने की आवश्यकता है। लायंस क्लब आफ इंदौर यूनिक के अध्यक्ष जितेंद्र राठी ने कहा कि सेवा से बड़ा कोई भी धर्म नहीं है और यह सेवा कार्य सबको करना चाहिए।
जीवनशैली में बदलाव की वजह से भी बीमारियां बढ़ीं
संस्था अध्यक्ष पुरुषोत्तम वाघमारे ने कहा कि मध्य प्रदेश वरिष्ठ नागरिक कल्याण केंद्र विभिन्न स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से हजारो लोगों को स्वस्थ कर चुका हैं। घुटने के दर्द की समस्या अब कम उम्र के लोगों मे भी हो रही है। मीडिया प्रभारी प्रवीण जोशी ने बताया कि इस शिविर में लकवा, सेरेबल पाल्सी, फ्रोजन शोल्डर, साइटिका, कमर दर्द, चक्कर आना, आर्थरायटीस, कमर दर्द के 86 मरीजों उपचार फिजियोथैरेपी चिकित्सा पद्धति से किया गया।
अतिथि स्वागत पुरुषोत्तम वाघमारे, हरीश जोशी, कैलाश पुरोहित, प्रवीण श्रीवास्तव ने किया। शिविर के दौरान मरीजों द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों के जवाब वरिष्ठ फिजियोथैरिपिस्ट डा. महेश साहू ने दिए। आहार संबंधी जानकारी देते हुए आहार विशेषज्ञ डा. नेहा गुप्ता ने कहा कि जीवन शैली में बदलाव की वजह से भी बीमारियां बढ़ रही है। हमे सबसे पहले अपनी जीवन शैली आइए आहार विहार की सुधारना होगा। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण जोशी ने किया। आभार पुरुषोत्तम वाघमारे ने माना।
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