इंदौर। वैसे तो इस चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होना है, लेकिन इन दो दलों के अलावा अन्य पार्टियों भी चुनावी मैदान में उतरेगी। हालांकि पिछले चुनाव पर गौर करें तो क्षेत्रीय दलों को इस चुनाव में कोई खास फायदा नहीं मिलता और बड़ी संख्या में उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो जाती है, जबकि कुछ पार्टियों को एक या दो सीटों पर ही सफलता मिलती है। इसी संदर्भ में पिछले चुनाव का क्या हाल रहा था आपको विस्तार से बताते हैं।
कितनों ने दाखिल किया था नामांकन
पिछले चुनाव में 119 पार्टियां चुनावी मैदान में थी। जिनके 3 हजार 948 प्रत्याशियों ने नामांकन फार्म भरा था। जिसमें तीन हजार 572 पुरुष और 371 महिला मतदाता शामिल थीं। इसके साथ ही 5 थर्ड जेंडर के उम्मीदवार भी शामिल थे। हालांकि स्क्रूटनी के बाद 480 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द कर दिए गए थे। जबकि 569 प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिए थे।
2 हजार 899 प्रत्याशियों ने लड़ा चुनाव
नामांकन रद्द और इसे वापस लेने के बाद 2 हजार 899 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। इनमें से 2 हजार 644 पुरुष तो वहीं 250 महिला प्रत्याशी थीं। इसके साथ ही 5 थर्ड जेंडर प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में थे।
2 हजार 389 प्रत्याशियों की जमानत जब्त
चुनाव की घोषणा होने के बाद भाजपा ने 109 सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं कांग्रेस को 114 सीटें मिली। इसके साथ ही बसपा ने दो, सपा ने एक और चार निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। जबकि इस चुनाव में 2 हजार 389 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। इनमें 2 हजार 193 पुरुष, 192 महिला और चार थर्ड जेंडर के प्रत्याशी शामिल थे।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.