वेतन दिलाने जहर लेकर नपा पहुंचा सफाई कर्मी, मचा हड़कंप

बालाघाट। नगर पालिका बालाघाट परिसर में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब दो महीने से वेतन न मिलने से नाराज एक सफाईकर्मी अपनी पत्नी व बच्चे के साथ जहर की पुड़िया लेकर पहुंच गया। नरेश हंस नामक कर्मी ने जल्द वेतन न मिलने पर परिवार सहित आत्महत्या करने की धमकी दी। इसके बाद अन्य सफाईकर्मियों ने भी वेतन न मिलने पर परिसर में जमकर हंगाम मचाया।

जल्द भुगतान का भरोसा दिलाया, जिसके बाद मामला शांत हुआ

मुख्य नगर पालिका अधिकारी निशांत श्रीवास्तव ने नरेश सहित अन्य सफाईकर्मियों को जल्द भुगतान करने का भरोसा दिलाया, जिसके बाद मामला शांत हुआ। जानकारी के अनुसार, नगर पालिका की स्वास्थ्य शाखा में चार सौ से अधिक सफाईकर्मी कार्यरत हैं, लेकिन इनमें से लगभग एक दर्जन कर्मचारी अपने दायित्व सही ढंग से नहीं निभाए जा रहे थे। लगातार मिल रही शिकायत के बाद नगर पालिका सीएमओ ने ऐसे लगभग 15 कर्मचारियों के वेतन रोकने का आदेश जारी किया था।

सीएमओ के अनुसार, ये वो कर्मचारी हैं जो नियमित काम पर नहीं आते हैं

सीएमओ के अनुसार, ये वो कर्मचारी हैं जो नियमित काम पर नहीं आते हैं और बिना किसी जानकारी के काम से गायब हो जाते हैं। कर्मियों की इस तरह की अनुशासनहीनता के कारण प्रबंधन ने वेतन रोकने का फरमान जारी किया था, जिसके बाद कर्मचारियाें को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। प्रबंधन की मानें तो जिन सफाई कर्मचारियों के वेतन रोके गए थे, उनके बैंक खातों में राशि हस्तांतरित कर दी गई है, लेकिन भविष्य में भी अगर इनके द्वारा कार्य में लापरवाही बरती जाएगी तो वेतन रोकने के साथ अन्य कार्रवाई की जा सकती है।

जो नियमित काम कर रहा, वह भी हो रहा परेशान

इस संबंध में सफाईकर्मियों ने बताया कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब सफाईकर्मियों को वेतन के लिए परेशान होना पड़े। जो कर्मचारी नियमित रूप से अपने दायित्व निभा रहे हैं, उन्हें भी वेतन के लिए दो से तीन महीनों का इंतजार करना पड़ता है। नपा कर्मियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं करती है। इससे हमें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वेतन नहीं मिलने के चलते सिर्फ सफाईकर्मी ही नहीं, अन्य विभागों के कर्मचारी भी ब्याज पर कर्जा लेकर परिवार का भरणपोषण कर रहे हैं। कर्मचारियों की मांग है कि नपा हर महीने एक तय तिथि पर वेतन का भुगतान करे।

लापरवाही बरतने पर लिया था फैसला- सीएमओ

लगभग 15 सफाई कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ काम पर न आने या बिना सूचना के अवकाश ले लेने की शिकायत मिल रही थी। इसलिए उनका वेतन रोकने का आदेश दिया गया था। कार्य के प्रति लापवाही बरतने के कारण ये फैसला लिया गया था। मनमाने ढंग से कार्य करने से शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ती है। अगर वे अवकाश पर जाने चाहते हैं तो इसकी पूर्व सूचना देनी चाहिए ताकि वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जा सके, लेकिन ऐसा नहीं किया जाता। इसीलिए उनका वेतन रोका गया था। नरेश सहित अन्य सफाईकर्मियों ने आर्थिक स्थिति बताई है, जिन्हें समझाइश दी गई है। इन कर्मचारियों के बैंक खाते में वेतन की राशि हस्तांतरित कर दी गई है।

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