रतलाम। जिले में डेंगू व मलेरिया के रोगी बढ़ने लगे हैं। वर्षा के मौसम में मच्छरों के साथ ही बीमारियां भी बढ़ रही है। मंगलवार को डेंगू के तीन व मलेरिया के दो नए मामले आए थे जबकि गुरुवार को सैलाना में वार्ड 14 निवासी एक नौ साल की बालिका डेंगू पाजिटिव पाई गई। मरीज बढ़ने की आशंका के चलते मेडिकल कालेज में दस बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, जिसमें रोगियों को मच्छरदानी में रखा जा रहा है। शहर में मलेरिया विभाग व नगर निगम की टीम कीटनाशकों का छिड़काव कर रही है।
इसके साथ ही लार्वा नष्ट करने के लिए सर्वे भी किया जा रहा है। गुरुवार को सैलाना में स्वास्थ्य विभाग के साथ एएनएम, आशा कार्यकर्ता ने भी वार्ड 14 में सर्वे किया और लोगों को घरों में बाहर पानी जमा नहीं होने देने के लिए समझाइश दी। बालिका का रतलाम में बाल चिकित्सालय में उपचार किया गया।
इधर सात अन्य संदिग्ध मरीजों के सैंपल भी लिए गए हैं। मालूम हो कि राजस्थान के पाली जिले के गांव वाला का परिवार साथियों के साथ पशु चराने के लिए जावरा के पास डेरा डालकर रह है। परिवार की 10 वर्षीय पूजा व उसकी बड़ी बहन 13 वर्षीय मनीषा पुत्री पासाजी को बुखार आने पर जावरा के अस्पताल ले जाया गया था। वहां से दोनों को मेडिकल कालेज रेफर किया गया। जांच में दोनों को मलेरिया पाया गया।
मेडिकल कालेज में दोनों का इलाज चल रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी डा. प्रमोद प्रजापति ने दल के साथ मेडिकल कालेज पहुंचे तथा बच्चियों के उपचार की जानकारी ली। डा. प्रजापति ने बताया कि दस बेड का आइसोलेशन वार्ड बनवाया गया है। डाक्टरों से कहा गया है कि मच्छरदानी में ही रोगियों को रखकर उनका इलाज किया जाए, ताकि अन्य कोई व्यक्ति संक्रमित होने से बचे।
गत वर्ष मलेरिया का एक ही मरीज मिला था
डेंगू के साथ-साथ मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ने से भी स्वास्थ्य विभाग का अमला अलर्ट हुआ है। वर्ष 2022 में एक व 2021 में दस मरीज मिले थे, इस वर्ष अभी तक दस मरीज मिल चुके हैं। मलेरिया मुख्य रूप से वायवेक्स और फेल्सीपेरम दो प्रकार का पाया जाता है जो कि मादा एनाफिलिस नामक मच्छर के काटने से होता है। इसके सामान्य लक्षण ठंड लगकर तेज बुखार आना, सिरदर्द, हाथ पैर और मांसपेशियों में दर्द, बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी होना है। इसके लिए रक्त की जांच की जाती है।
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