भोपाल। राजधानी की साइबर क्राइम पुलिस एक अनोखे प्रकरण से जूझ रही है। तकरीबन तीन हफ्ते पहले एक युवती ने अपने साथ 38 लाख रुपये की आनलाइन ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही युवती की आरोपित से पहचान एक एप के माध्यम से हुई थी। अब युवती आरोपित के खिलाफ अपनी शिकायत वापस लेना चाहती है। युवती का कहना है कि आरोपित उसकी रकम लौटाने के लिए तैयार है, लिहाजा अब वह इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहती है। ऐसे में पीड़िता अपने रुख पर कायम रही तो मामले में पुलिस को जांच बंद करनी पड़ सकती है।
यह है मामला
ऐशबाग इलाके में रहने वाली 22 वर्षीय युवती प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। उसने अपनी इंग्लिश सुधारने के लिए आनलाइन ‘ओपन टाक’ एप की कक्षा लेना शुरू की थी। इस पर उसकी एक युवक से पहचान हुई, जिससे धीरे-धीरे उसकी अच्छी दोस्ती हो गई। दोनों के बीच में नंबर का आदान- प्रदान हो गया था। उसके बाद दोनों में आनलाइन बातचीत होने लगी थी। इस दौरान आरोपित युवक ने गंभीर बीमारी का बहना बनाकर युवती से रुपये मांगना शुरु कर दिया था। छात्रा और युवक की करीब तीन साल दोस्ती रही और उसने आरोपित को 38 लाख रुपये दे दिए। जब छात्रा ने रुपये वापस मांगे तो आरोपित ने देने से मना कर दिया। इस पर छात्रा ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम पुलिस में की थी।
बढ़ी पुलिस की उलझन
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर बैंक से आनलाइन ट्रांजेक्शन की जानकारी निकाल ली थी। इसी दौरान अचानक युवती साइबर क्राइम पहुंचकर मामले में जांच बंद करने की बोल रही है। लेकिन पुलिस ने फिलहाल उस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। पीडिता शिकायत वापस लेना चाहती है। डीसीपी साइबर क्राइम श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि फरियादी युवती ने मामले की जांच बंद करने के लिए बोला है। वह शिकायत वापस लेना चाहती है। लेकिन एफआइआर दर्ज हो चुकी है, उस पर नियमानुसार ही कार्रवाई करेंगे।
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