सनातन धर्म पर हमें ढोंगियों से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं, कांग्रेस ने बीजेपी पर किया पलटवार

 कांग्रेस ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कुछ नेताओं द्वारा सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में भारतीय जनता पार्टी के विपक्ष पर हमले को लेकर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि उसे सनातन और राष्ट्रवाद पर ‘ढोंगियों’ से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि कांग्रेस सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है।

इससे पहले, भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म पर हमला विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का गुप्त एजेंडा है। प्रसाद ने कांग्रेस नेतृत्व पर भी निशाना साधा और कहा कि सोनिया गांधी इस मामले पर अगर चुप्पी साधे रहेंगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि सनातन धर्म का विरोध करना ‘इंडिया’ के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है।

ढोंगियों से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं
भाजपा के इस प्रहार के बारे में पूछे जाने पर सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा से हमें राष्ट्रवाद, सनातन धर्म और आजादी के आंदोलन में योगदान पर प्रमाणपत्र नहीं चाहिए क्योंकि इन सब पर उसका स्कोर निल बटे सन्नाटा है। कांग्रेस सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है।” उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमें किसी से भी, खासतौर पर ढोंगियों से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।” केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की एक टिप्पणी से जुड़े सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सनातन धर्म में इस तरह की भाषा और आचरण की उम्मीद नहीं की जाती।

पीएम मोदी पर साधा निशाना 
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है, जहां जीडीपी का लगभग 14% सेब के बागानों से आता है। आज वहां के लोगों को मदद की जरूरत है, लेकिन पीएम मोदी हैं वॉशिंगटन सेब पर आयात शुल्क कम करके 5 लाख से अधिक सेब किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जब पीएम मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे तो वह कहा करते थे कि हिमाचल उनका दूसरा घर है और वॉशिंगटन के सेब पर 100 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाएगा। लेकिन जब वह पीएम बने तो उनके मुताबिक रिपोर्टों के अनुसार जी 20 के दौरान केंद्र सरकार ने निर्णय लिया कि वाशिंगटन सेब पर केवल 15% आयात शुल्क लगाया जाएगा, जो कभी 70% था।’

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