राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा G20 के मेहमानों के लिए आयोजित डिनर में राष्ट्राध्यक्षों का पहुंचना शुरू हो गया है। भारत मंडपम् में यह डिनर आयोजित किया जा रहा है। इस बीच अतंरराष्ट्रीय मुद्राकोष फंड (IMF) की मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने एक बार फिर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। दरअसल, क्रिस्टालिना जॉर्जीवा राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भारतीय परिधान में पहुंची। वह पूरी तरह भारतीय संस्कृति में नजर आ रही हैं। इससे पहले क्रिस्टालिना जॉर्जीवा नई दिल्ली एयरपोर्ट पर भारतीय नृत्य को देखकर वह अपने आप को रोक नहीं पाईं और डांस करने लगीं।
क्रिस्टालिना जॉर्जीवा गुरुवार को G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत पहुंची। नई दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर ओडिशा के सांबलपुरी लोक गीत और लोक नृत्य के साथ उनका स्वागत किया गया था। भारत की लोक कला की एक झलक देखकर ही वो मंत्रमुग्ध हो गईं। क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने भी सांबलपुरी लोक नृत्य कर रहे आर्टिस्ट्स के साथ डांस किया।
भारत को मिली बड़ी कामयाबी
इससे पहले भारत को शनिवार को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली, जब G20 शिखर सम्मेलन में ‘नई दिल्ली घोषणापत्र’ को मंजूर किया गया। G20 देशों के ‘नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ में शनिवार को कहा गया कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है और इसी के मद्देनजर घोषणापत्र में सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुता सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान किया गया।
घोषणापत्र में कहा गया है कि संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान के साथ-साथ कूटनीति और संवाद भी जरूरी है। इसमें कहा गया है कि यूक्रेन में युद्ध के संबंध में, बाली में हुई चर्चा को याद किया गया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनाए गए प्रस्तावों को दोहराया गया। इसमें इस बात पर भी जोर दिया गया कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सदस्य देशों के बीच सहमति के साथ G20 ने ‘नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ को अपनाया है। इस घोषणापत्र में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप, सभी देशों को किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ चेतावनी या बल प्रयोग से बचना चाहिए। इसमें कहा गया, ‘‘परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी देना अस्वीकार्य है।” घोषणापत्र में इस बात की पुष्टि की गई कि G20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच है और यह G20 भू-राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों का समाधान करने का मंच नहीं है। इसमें कहा गया है कि G20 नेताओं ने स्वीकार किया कि इन मुद्दों के वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण नतीजे हो सकते हैं।
घोषणापत्र में कहा गया, ‘‘हमने वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला, मुद्रास्फीति और विकास के संबंध में यूक्रेन में युद्ध की मानवीय पीड़ा और उसके नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला।” इसमें कहा गया है कि स्थिति के बारे में अलग-अलग विचार और आकलन थे। घोषणापत्र में कहा गया, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले इस्तांबुल समझौते और तुर्किये के प्रयासों की सराहना करते हैं।” इसमें रूसी संघ और यूक्रेन से अनाज, खाद्य पदार्थों और उर्वरकों की तत्काल और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया।
घोषणापत्र में कहा गया है कि विकासशील और अल्प विकसित देशों, विशेषकर अफ्रीका में, मांग को पूरा करने के लिए यह जरूरी है। खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए, G20 नेताओं ने ‘‘प्रासंगिक बुनियादी ढांचे पर सैन्य कार्रवाई या अन्य हमलों को रोकने” का आह्वान किया। इसमें कहा गया है, ‘‘हम सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और शांति तथा स्थिरता की रक्षा करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाये रखने का आह्वान करते हैं।”
घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान और संकटों से निपटने के प्रयासों के साथ-साथ कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं।” इसमें कहा गया है, ‘‘हम वैश्विक अर्थव्यवस्था पर युद्ध के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए एकजुट होकर प्रयास करेंगे और यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत तथा शांति का स्थायी माहौल बनाने संबंधी सभी प्रासंगिक और रचनात्मक कदमों का स्वागत करेंगे। ऐसे उपायों से संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सभी उद्देश्य और सिद्धांत कायम रहेंगे तथा ‘एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य’ की भावना के साथ राष्ट्रों के बीच शांतिपूर्ण, मैत्रीपूर्ण और बेहतर संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।”
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