नई दिल्ली। देश की राजधानी नई दिल्ली के भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक में आठ देशों के बीच इकोनामिक कारिडोर बनाने को लेकर फैसला लिया गया है। इसमें अमेरिका, भारत, यूरोपियन यूनियन, जर्मनी, इटली, यूएई, सऊदी अरब और फ्रांस शामिल हुए हैं।
जी-20 शिखर सम्मेलन में जिस इकोनामिक कारिडोर को लेकर सहमति बनी है। इसमें यूरोप, मिडिल इस्ट और भारत के बीच यह कारिडोर जल्द शुरू किया जाना है। इस पूरे कारिडोर में अमेरिका, जर्मनी, इटली, फ्रांस, यूरोपियन यूनियन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और भारत शामिल है। दुनियाभर में इस तरह के बड़े इकोनामिक कारिडोर को लेकर इसे पहली पहल बताया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे बताया ऐतिहासिक फैसला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसको लेकर इकोनामिक कारिडोर को लेकर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि मेरे दोस्त अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन संग मुझे जी-20 समिट की अध्यक्षता करते हुए बहुत खुशी हो रही है। इस समिट में एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण समझौता हुआ। आने वाले वर्षों में हमारा देश पश्चिम एशिया और यूरोप के मध्य आर्थिक एकीकरण का बड़ा माध्यम बनेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी इसे बताया बड़ा समझौता
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इकोनामिक कारिडोर को लेकर हुए समझौता को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह एक बड़ा समझौता है। एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य यही इस सम्मेलन का फोकस रहा है।
इकोनामिक कारिडोर पर हुए समझौते को लेकर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि इसको लेकर गई घोषणा और पहल के एकीकरण की हम आशा करते हैं। मैं धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण इकोनामिक कारिडोर के समझौत को बनाने के लिए काम किया।
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