नई दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहचान ‘भारत’ का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता के तौर पर पेश की गई है। सरकार ने G20 के कई आधिकारिक दस्तावेजों में देश के लिए ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया है। संविधान में देश के लिए ‘इंडिया’ के साथ-साथ ‘भारत’ शब्द का उपयोग किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह एक सोच-समझकर लिया गया फैसला है। मोदी ने ‘भारत मंडपम’ में जब शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, उस समय उनके सामने रखी नाम पट्टिका में ‘भारत’ लिखा था। जी20 के प्रतिनिधियों और अन्य अतिथियों को ‘प्रेजीडेंट ऑफ भारत’ के नाम से डिनर का निमंत्रण भेजा गया है। इस कदम ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है।
विपक्षी दलों का दावा है कि सरकार विपक्ष के ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस) नाम से गठबंधन बनाने के मद्देनजर देश के नाम से ‘इंडिया’ शब्द हटाना चाहती है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘भारत’ शब्द की सांस्कृतिक जड़ों का हवाला देते हुए इस प्राचीन हिंदी नाम के इस्तेमाल की सराहना की है। कुछ नेताओं ने दावा किया कि अंग्रेजी नाम ‘इंडिया’ औपनिवेशिक विरासत का प्रतीक है। बहरहाल, भाजपा ‘भारत बनाम इंडिया’ की बहस में पड़ने से काफी हद तक परहेज कर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि संविधान में देश के लिए दोनों नाम का इस्तेमाल किया गया है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.