इंदौर। नेशनल काउंसिल फार टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम की रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए काउंसिलिंग का अतिरिक्त चरण रखा है। साढ़े तीन महीने से चल रही प्रक्रिया के बावजूद बीएड-एमएड की आठ हजार सीटों पर एडमिशन होना बाकी है। सातवें चरण की काउंसिलिंग के लिए विद्यार्थियों का पंजीयन खत्म हो चुका है। दस्तावेज सत्यापन के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने बीस हजार विद्यार्थियों की मेरिट सूची बनाई है।
खास बात यह है कि पहले पंजीयन करवा चुके विद्यार्थी जिन्हें पसंदीदा कालेज आवंटित नहीं हुआ है। उन्हें भी सूची में शामिल किया है। अधिकारियों के मुताबिक मेरिट सूची के आधार पर छात्र-छात्राओं को सीटें आवंटित की जाएगी। यह प्रक्रिया 12 सितंबर को करेंगे। फिर विद्यार्थियों को चार से पांच दिन में फीस जमा करना होगी।
प्रदेशभर में पांच हजार कालेजों से बीएड-एमएड, बीपीएड-एमपीएड, बीएबीएड, बीएससी बीएड, बीएलएड सहित कई कोर्स संचालित होते है। करीब 70-72 हजार सीटें है। प्रवेश को लेकर मई अंतिम सप्ताह से प्रक्रिया चल रही है। छह चरण की काउंसिलिंग होने के बावजूद सीटें रिक्त है। स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के रिजल्ट में देरी हुई है।
यही वजह है कि साढ़े तीन महीने बीतने के बावजूद सीटें भरने में कालेजों को परेशान आ रही है। अभी प्रदेशभर में आठ हजार से ज्यादा सीटों पर प्रवेश होना बाकी है। अकेले इंदौर संभाग में आने वाले 55 कालेजों में 300 से अधिक सीटें रिक्त है। इसमें 56 स्कूल आफ एजुकेशन, 26 वैष्णव कालेज, 15-15 आइपीएस एकेडमी, खालसा व श्री जैन दिवाकर कालेज, 14 लिबरल, 13 टेगौर, 10-10 विद्यासागर- महाऋषि, 7 मातृश्री, 5-5 शिवकुमार सिंह व ज्ञानोदय कालेज, 4-4 विक्टोरिया व साइबाबा कालेज, 2 इंदौर महाविद्यालय सहित कई कालेज शामिल है।
यही स्थिति भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सतना संभाग के कालेजों में भी बनी है। अशासकीय शिक्षा महाविद्यालय संचालक संघ के पदाधिकारी कमल हिरानी व रामबाबू शर्मा का कहना है कि 12 सितंबर को विद्यार्थियों के कालेज आवंटित होंगे। 15 सितंबर तक फीस जमा करना है। उसके बाद कालेजों को प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की जानकारी देना है।
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