इंदौर। दिल्ली में जी-20 सम्मेलन के कारण कारोबार बंद जैसे हालात हैं। मप्र की मंडियों में हड़ताल है, इस बीच बरसात भी शुरू हुई है। अभी चने में भी लेवाली कमजोर होने से शुक्रवार को दाम 100 रुपये घटकर 6400, विशाल 6250-6300 रुपये प्रति क्विंटल भाव बोले गए। अगले सप्ताह से दिल्ली में कारोबार शुरू होने और त्योहारी मांग के साथ चने में फिर मजबूती के आसार है।
दरअसल, सरकार की बिक्री भी ऊंचे दामों पर हो रही है। मांग अच्छी रहेगी, ऐसे में चना मंदा नहीं पड़ेगा। तुवर, उड़द, मूंग एवं चना के मुकाबले मसूर के दाम में कम रफ्तार से वृद्धि हो रही है, लेकिन सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए सभी दलहन कारोबारियों, आयातकों एवं मिलर्स को मसूर के स्टाक का विवरण प्रत्येक शुक्रवार को सरकारी पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश जारी कर दिया है। आदेश 6 सितंबर से ही लागू हो गया है। दाल-दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुधरने एवं कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार नियंत्रित रूप से अनेक कदम उठा रही है।
उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा जारी एडवायजरी में कहा गया है कि सभी सम्बद्ध पक्षों को मसूर के स्टॉक विवरण का खुलासा करना अनिवार्य है। यदि कोई स्टॉक छुपाता हैं और बाद में इसका पता चला तो उसे जमाखोरी माना जाएगा और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत इसके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव ने अपने विभाग को निर्देश दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के आसपास की कीमत पर यदि कहीं मसूर का स्टॉक उपलब्ध है तो उसकी तुरंत खरीद की जाए।
दरअसल, नाफेड एवं एनसीसीएफ ने विदेशों से आयातित मसूर की खरीद के लिए टेंडर जारी किया था, लेकिन जब आपूर्तिकर्ताओं की ओर से काफी ऊंचे दाम पर ऑफर सामने आया तब टेंडर को स्थगित कर दिया गया। उपभोक्ता मामले विभाग को लगता है कि इस मसूर की खरीद की जा सकती है, क्योंकि आयातकों को पता चल गया है कि बफर स्टॉक के लिए सरकार अत्यधिक ऊंचे दाम पर मसूर खरीदने की इच्छुक नहीं है। आमतौर पर अगस्त के दौरान कनाडा में मसूर तथा अफ्रीकी देशों में तुवर की नई फसल की कटाई की तैयारी शुरू होती है और भारत में इसके नए माल का आयात भी होने लगता है। सरकार आशंकित है कि कुछ लोग उपभोक्ताओं एवं देश के हित के खिलाफ आयातित दलहनों का स्टॉक रोककर बाजार को मैनीपुलेट कर रहे हैं।
सरकार सारी गतिविधियों पर गहरी नजर रख रही है और दलहनों के स्टॉक को खुले बाजार में उतरवाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। इससे मसूर के बढ़ते दाम थम सकते हैं। प्रदेश में मंडियों में हड़ताल के चलते इंदौर मंडी भी बंद रही. लेकिन छुटपुट प्राइवेट में कारोबार हुआ। शुक्रवार को मसूर घटकर 6300 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। मूंग, उड़द, तुवर में भी कारोबार कमजोर रहा। मूंग 9200-9300, उड़द बेस्ट 9300-9300, नया उड़द मीडियम 7500-8500, तुवर महाराष्ट्र 11100-11300, निमाड़ी 9500-11200 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। कंटेनर में डालर चना 40/42 16300, 42/44 16000, 44/46 15800, 58/60 14800, 60/62 14700, 62/64 14600 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया।
दालों के दाम – चना दाल 8400-8500, मीडियम 8600-8700, बेस्ट 8800-8900, मसूर दाल 7750-7850, बेस्ट 7850-800, मूंग दाल 10900-11000, बेस्ट 11100-11200, मूंग मोगर 11600-11700, बेस्ट 11800-11900, तुवर दाल 14100-14200, मीडियम 15000-15100, बेस्ट 15400-15500, ए. बेस्ट 16400-16600, व्हाइटरोज तुवर दाल 16900, उड़द दाल 10600-10700, बेस्ट 10800-10900, उड़द मोगर 11300-11400, बेस्ट 11500-11600 रुपये।
इंदौर चावल भाव – दयालदास अजीतकुमार छावनी के अनुसार बासमती (921) 11500-12500, तिबार 9500-10000, बासमती दुबार पोनिया 8500-9000, मिनी दुबार 7500-8000, मोगरा 4200-6500, बासमती सेला 7000-9500, कालीमूंछ डिनरकिंग 8500, राजभोग 7500, दुबराज 4500-5000, परमल 3200-3400, हंसा सेला 3400-3600, हंसा सफेद 2800-3000, पोहा 4300-4800 रुपये क्विंटल।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.