जल्द ही बनने जा रहा बेहद शुभ रवि पुष्य योग, सुख-समृद्धि से भर जाएगा इन राशि वालों का घर

ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों का वर्णन किया गया है। इन्हें बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं, जब पुष्य नक्षत्र रविवार को आता है, तो उसे रवि पुष्य नक्षत्र कहा जाता है। ऐसे ही जब गुरुवार को पुष्य नक्षत्र पड़ता है, तो वह गुरु पुष्य नक्षत्र कहलाता है। सितंबर महीने में रवि पुष्य नक्षत्र जैसा खास संयोग बनने जा रहा है। 10 सितंबर 2023 को रवि पुष्य नक्षत्र और अजा एकादशी होने से यह दिन और भी ज्यादा खास हो गया है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। पुष्य नक्षत्र में सोना-चांदी, संपत्ति या नई गाड़ी खरीदी जाती है। ऐसे में रवि पुष्य नक्षत्र कुछ राशि वालों के लिए बेहद खास होने वाला है।

रवि पुष्य नक्षत्र 10 सितंबर 2023 की शाम 5 बजकर 6 मिनट से शुरू होगा। 11 सितंबर की सुबह 06 बजकर 15 मिनट तक यह रहेगा।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए रवि पुष्य योग काफी खास होने वाला है। इस दौरान इन्हें जमकर लाभ होगा। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से धन लाभ होगा। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। लंबे समय से रुके हुए काम पूरे होंगे। निवेश से लाभ मिलेगा। काम के नए मौके मिलेंगे। आय में वृद्धि होगी। धन की बचत करने में सफल होंगे।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए रवि पुष्य नक्षत्र बहुत लाभकारी साबित होगा। इस दौरान इन्हें कोई बड़ा ऑर्डर मिल सकता है। आय में वृद्धि होगी। अचानक कहीं से धन प्राप्त होगा। हर कार्य में सफलता मिलेगी। नई नौकरी का प्रस्ताव मिल सकता है। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। निवेश के लिए यह समय लाभकारी रहेगा। परिवार में खुशियां आएंगी।

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए रवि पुष्य नक्षत्र लकी साबित होने वाला है। इन लोगों को जमकर धन लाभ होगा। आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। हर कार्य में तरक्की मिलेगी। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। कोई खुशखबरी मिल सकती है। परिवार में खुशियां आएंगी। किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। कर्ज से छुटकारा मिलेगा।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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