नंदगांव में खुर परंपरा से मनाई जाती है जन्माष्टमी, पढ़िए यहां कब जन्मेंगे कान्हा

देशभर में इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2 दिन मनाई जाएगी लेकिन ब्रज में इस बार जन्मोत्सव तीन दिन मनाया जा रहा है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव इस साल वैसे तो पूरे विश्व मे 6 और 7 सितंबर को मनाया जाएगा, लेकिन कान्हा का जहां बचपन बीता यानी नन्दगांव में उनका जन्मोत्सव 8 सितंबर को मनाया जाएगा। नन्दगांव के नन्दबाबा मंदिर में जन्मोत्सव तैयारियां शुरु हो गई है।

कंस के कारागार में हुआ था कान्हा का जन्म

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादौं शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रात्रि 12 बजे कंस के कारागार में हुआ था। वसुदेव कान्हा को रातोंरात नन्दबाबा के घर गोकुल छोड़ आए थे। इस बार कान्हा का जन्मोत्सव 7 सितंबर को मनाया जा रहा है लेकिन कान्हा के क्रीड़ा स्थली नन्दगांव में कान्हा का जन्मोत्सव 8 सितंबर को मनाया जाएगा।

खुर परंपरा से मनाया जाता है जन्मोत्सव

नन्दबाबा मंदिर में रहने वाले बांकेलाल के मुताबिक नन्दबाबा अपने कान्हा का जन्मोत्सव खुर गिनती से मनाते थे। रक्षा बंधन से ठीक आठ दिन गिनकर वो मुरली वाले का जन्मोत्सव मनाते थे। आज भी उसी परंपरा के अनुसार कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाता है। रक्षाबंधन सावन माह की आखिरी तिथि पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जिसे ठीक आठ दिन बाद अष्टमी आती है लेकिन कभी-कभी तिथियों के विलोपन से अष्टमी एक-दो दिन आगे पीछे हो सकती है।

नन्दगांव में कान्हा का बीता बचपन

भगवान श्रीकृष्ण ने नन्दगांव में अपना बचपना बिताया। सारी बाल लीलाएं कृष्ण ने यहीं की। उनके बाल लीलाओं के चिन्ह नन्दगांव व बरसाना में मौजूद है। कंस के अत्याचारों से परेशान होकर नन्दबाबा यहां आकर रहने लगे थे। नन्दगांव में नन्दीश्वर पर्वत है जहां कंस के राक्षसों को श्राप था कि वहां घुसने पर वो पत्थर के हो जाएंगे। राक्षसों को शांडिल्य ऋषी ने श्राप दिया था।

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