आबकारी आरक्षक के स्थानांतरण आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

बिलासपुर। आबकारी आरक्षक की याचिका पर सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि बीते आठ महीने के अंतराल में राज्य शासन ने तीन बार स्थानांतरण आदेश जारी किया है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

बिलासपुर निवासी नवनीत पांडेय अधविक्ता अभिषेक पांडेय व अधिवक्ता घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। दायर याचिका में कहा है कि कार्यालय सहायक आयुक्त, आबकारी, बिलासपुर में आबकारी आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। 17 अगस्त 2023 को सचिव, आबकारी विभाग, रायपुर द्वारा उनका तबादला बिलासपुर से जिला गौरेला -पेंड्रा -मरवाही कर दिया गया।

लगातार याचिकाकर्ता के स्थानांतरण से उसका परिवार एवं बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष यह भी कहा कि बिना किसी ठोस कारण के लगातार स्थानांतरण से कर्मचारियों को मनोबल भी गिरता है और मन में निराशा का भाव भी जागता है। अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी जानकारी दी कि सचिव, आबकारी विभाग, रायपुर द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश में इस तथ्य का कही पर भी उल्लेख नहीं है कि ऐसी कौन सी प्रशासनिक आवश्यकता है कि याचिकाकर्ता का बार-बार स्थानांतरण करना पड़ रहा है । मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में हुई। याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट न सचिव आबकारी विभाग, रायपुर के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है।

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