स्कूटी वितरण योजना… कम राशि मिलने के बाद भी 62 प्रतिशत मेधावी विद्यार्थियों की पसंद पेट्रोल चलित स्कूटी

भोपाल। मप्र शासन की ओर से पहली बार प्रत्येक शासकीय विद्यालय में 12वीं बोर्ड परीक्षा में प्रथम स्थान पाने वाले एक-एक छात्र-छात्रा को स्कूटी प्रदान करने की योजना अंतिम चरण में पहुंच गई है। प्रदेश भर से साढ़े सात हजार से अधिक विद्यार्थी इसके लिए पात्र पाए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 23 अगस्त को शहडोल में होने वाले कार्यक्रम में इन विद्यार्थियों के खाते में स्कूटी की राशि अंतरित करेंगे। स्कूटी खरीदने के पूर्व विद्यार्थियों से मांगे गए विकल्प में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। प्रदेश में करीब 62 प्रतिशत विद्यार्थियों ने इलेक्ट्रिक वाहन के बजाय पेट्रोल वाली स्कूटी को तरजीह दी है। हालांकि, इसके लिए प्रदान की जाने वाली राशि इलेक्ट्रिक के मुकाबले 30 हजार रुपये कम है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर से 7,790 पात्र विद्यार्थी चिह्नित किए हैं। इनमें से 4,806 ने पेट्रोल और 2,984 ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन का विकल्प दिया है। शासन की ओर से पेट्रोल वाले दोपहिया के लिए 90 हजार और इलेक्ट्रिक दोपहिया के लिए एक लाख 20 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। अधिक राशि के बाद भी ज्यादा विद्यार्थियों ने इलेक्ट्रिक से अधिक पेट्रोल वाली स्कूटी को चुना है। नवदुनिया ने इसे लेकर मेधावी विद्यार्थियों से बात की तो सामने आया कि शहरी क्षेत्र के ज्यादा विद्यार्थियों ने ई-स्कूटर को चुना है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर विद्यार्थियों ने पेट्रोल स्कूटी ही लेने की इच्छा जताई है।

भोपाल जिले के 132 विद्यार्थी शामिल

इस योजना में जिले के शासकीय विद्यालयों के 132 मेधावी विद्यार्थियों को स्कूटी की राशि प्रदान की जाएगी। विद्यार्थियों ने बताया कि प्रतिदिन पेट्रोल का खर्च ही 100 से 200 रुपये आता है, इसलिए हमने ई-स्कूटी का विकल्प चुना।

ग्रामीण क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशन नहीं

स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशन नहीं होने सहित गांवों के बीच अधिक दूरी, रास्ते आदि दुश्वार होने के कारण विद्यार्थियों ने पेट्रोल वाली स्कूटी का विकल्प चुना है। योजना से लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों में बड़ी संख्या में गांवों के विद्यार्थी हैं। उनका मानना है कि इसके लिए पेट्रोल वाली स्कूटी का विकल्प बेहतर है।

– मैंने इलेक्ट्रिक स्कूटर पसंद किया है। पापा टेलर हैं और अन्य भाई-बहन को पढ़ाने की जिम्मेदारी भी उनके ऊपर है। ऐसे में कालेज जाने-आने के लिए अगर पेट्रोल वाला स्कूटर लेंगे तो हर रोज 100 से 200 रुपये खर्च होते। इस कारण इलेक्ट्रिक स्कूटर को चुना है।

– अनुज साहू, छात्र

ई-स्कूटर अच्छा विकल्प है। इससे आने-जाने में पेट्रोल की खपत कम होगी और हर रोज पेट्रोल का खर्च नहीं देना होगा।

– अनुराधा जायसवाल, छात्रा

मैंने कालेज जाने-आने के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर पसंद किया है, ताकि पेट्रोल पर पैसे खर्च न हो पाएं। इससे रोज 100 से 200 रुपये की बचत होगी।

– प्रिया बुंदेला, छात्रा

एक निजी कालेज में बीबीए पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया है। रोज कालेज आने-जाने के लिए ई-स्कूटर सबसे अच्छा है।

-श्रद्धा सतनाकर, छात्रा

प्रदेश के सभी स्कूलों के एक टापर छात्र और एक छात्रा को स्कूटी दी जा रही है। इसमें 7,790 विद्यार्थियों को स्कूटी की राशि दी जा रही है। इसमें करीब 4,800 विद्यार्थियों ने पेट्रोल वाली स्कूटी पसंद की है।

-डीएस कुशवाहा, अपर संचालक, डीपीआइ

इन जिलों में पेट्रोल स्कूटी अधिक पसंद

जिला – कुल स्कूटी – पेट्रोल स्कूटी

छिंदवाड़ा -385 -247

धार -215 -185

बालाघाट -257 -172

रीवा -246 -146

मंडला -166 -131

खरगोन -178 -141

खंडवा -177 -132

उज्जैन -185 -134

सतना -285 -160

इन जिलों में ई-स्कूटी अधिक पसंद

जिला कुल स्कूटी -ई-स्कूटी

सागर -256 -134

दमोह -161 -106

इंदौर -161 -106

मंदसौर -145 -99

विदिशा -158 -85

होशंगाबाद -139 -73

अनूपपुर -146 -86

भिंड -138 -78

ग्वालियर -104 -63

कटनी -163 -84

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