ग्वालियर जू में बढ़ रहा शेरों का कुनबा प्रदेश में दूसरा नंबर

ग्वालियर। एक स्टडी के मुताबिक पूरे देश में 600 शेर हैं। इन्हें विभिन्न अभयारण्यों और चिड़ियाघरों में रखा गया है। ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान में वर्तमान में पांच शेर हैं। यहां शेरों के कुनबे में बढ़ोतरी हो रही है। पिछले दिनों यहां तीन शावकों ने जन्म लिया था, साथ ही बुढ़ापे के कारण एक नर शेर की मृत्यु हो गई। इसके बावजूद ग्वालियर का गांधी प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) शेरों की संख्या के मामले में प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर इंदौर का चिड़ियाघर है, जहां एक दर्जन शेर मौजूद हैं।

पिछले साल बढ़ा था कुनबा

गांधी प्राणी उद्यान में वर्ष 2012 में नंदनवन जू रायपुर से नर शेर जय को लाया गया था। वहीं बिलासपुर के कानन पेंडारी चिड़ियाघर से मादा शेर परी को ग्वालियर चिड़ियाघर लाया गया। साल 2020 में मादा परी द्वारा तीन शावकों को जन्म दिया था, जिनमें दो नर इंतजार और अर्जुन व एक मादा जिसका नाम तमन्ना है। गत अक्टूबर माह में भी यहां शेरों का कुनबा बढ़ा था। हालांकि इस बीच जय की मृत्यु हो गई। चिड़ियाघर प्रबंधन के अनुसार आमतौर पर शेरों का कुनबा बढ़ना मुश्किल होता है। अधिकतर चिड़ियाघरों में नर और मादा शेरों को रखा जाता है, लेकिन शेरों का कुनबा नहीं बढ़ता है। ग्वालियर में ऐसा नहीं है। अन्य चिड़ियाघरों में भी ग्वालियर चिड़ियाघर से शेरों को देकर बदले में दूसरे वन्य प्राणी लिए जा रहे हैं।

जूनागढ़ को दिए शेर

गांधी प्राणी उद्यान में वर्ष 2020 में जन्मे दो शावकों को बड़े होने पर जूनागढ़ के चिड़ियाघर को एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दे दिया गया था। इसके बदले में वहां से शुतुरमुर्ग, रिया (पक्षी की प्रजाति), मकाऊ तोते लिए गए थे। अब फिर से कुनबा बढ़ने पर एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत शेरों को देकर अन्य वन्य प्राणी लिए जाएंगे।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.