छिंदवाड़ा। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद नहीं है। इसे मस्जिद कहना बंद कर चाहिए। यह भगवान शिव का मंदिर है। शास्त्री ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जो राम का है, वह हमारा है।
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छिंदवाड़ा जिले के मोहखेड़ ब्लाक के सिमरिया में रामकथा करने पहुंचे थे, जिसका सोमवार को समापन हो गया। इसके मुख्य यजमान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ के बेटे और छिंदवाड़ा से सांसद नकुल नाथ थे। सिमरिया में रामकथा के आखिरी दिन दोपहर दो बजे से कथा शुरू हुई, जो शाम 5 बजे तक चली। महा भंडारे के साथ कथा का समापन हो गया।
उधर, प्रशासनिक अमला बंदोबस्त को लेकर लगातार सक्रिय रहा। वहीं सांसद नकुल नाथ ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री के द्वारा कथा करने को लेकर कहा कि हिंदुत्व की एजेंसी भाजपा के पास नहीं है, हम भी सनातनी हैं और धार्मिक व सामाजिक आयोजन करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसमें विचारों और भावनाओं का आदर किया जाता है, हम जिस उत्साह से होली और दीपावली मनाते हैं, उसी उत्साह से ईद और क्रिसमस भी मनाते हैं।
सिद्ध सिमरिया हनुमान धाम में आयोजित तीन दिवसीय दिव्य कथा का विधि विधान से पूजन-अर्चन के साथ समापन हुआ। सांसद नकुल नाथ ने कथा के मंच से जामसांवली वाले हनुमान महाराज व सिमरिया के संकट मोचन हनुमान जी के जयकारे लगाते हुए छिंदवाड़ा सहित महाकौशल से पधारे श्रद्धालु श्रोताजनों का अभिवादन किया। बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री को प्रणाम कर उन्होंने कहा कि इस दिव्य कथा को सुनने और बागेश्वर बालाजी के चरणों में नमन करने आए अन्य जिलों और अन्य प्रदेशों के भक्तजनों की ओर से भी हमारा प्रणाम है।
नकुल नाथ ने कहा कि बागेश्वर धाम के प्रधान पंड़ित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तीन दिनों में हमारी छिंदवाड़ा नगरी को सोना-सोना बना दिया है, किन्तु जब आप हमसे दूर जा रहे हैं तो सब सूना-सूना लग रहा है। आपने अपनी दिव्य कथा और बागेश्वर बालाजी की कृपा से सभी भक्तों को जो भक्ति और समरसता का संदेश दिया है, हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि उन भावनाओं का पूरा पूरा आदर और सम्मान होगा। महाराज जी हमारा छिंदवाड़ा, यहां के लोग, यहां के संस्कार और धर्म कर्म के प्रति सभी का समर्पण पूरा देश जानता है और मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे प्यार और आस्था के इन कच्चे धागों ने आपको पूरी तरह से बांध लिया है। आप छिंदवाड़ा के प्रेम को कभी नहीं भूल पाएंगे। अंत में मैं पूरे जिले की ओर से यही विनती करूंगा कि आप यहां पुनः पधारें आपकी सेवा के लिए हम सदैव तत्पर रहेंगे। आपने कहा है कि कथा कम से कम पांच दिनों की होनी चाहिए तो अगली बार पांच दिन का समय हमारी धर्मप्रेमी जनता को अवश्य दीजिए।
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