ज्ञानवापी परिसर में लगातार ASI सर्वे का काम चल रहा है। इसी बीच सर्वे के चौथा दिन यानि सोमवार को मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में दिख रहा त्रिशूल चिन्ह, त्रिशूल नहीं बल्कि वह ‘अल्लाह’ लिखा हुआ है। वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील ने बताया उर्दू में त्रिशूल की तरह ही अल्लाह लिखने पर भी दिखता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मुगल काल में कई ऐसे सिक्के चलन में थे जिस पर स्वास्तिक कमल और हिंदू चिन्ह बने रहते थे।
आपको बता दें कि इससे पहले रविवार को ज्ञानवापी की सरंचना को पूरी तरह समझने के लिए सैटेलाइट के जरिए इसकी 3डी मैपिंग की गई। जिसके बाद ज्ञानवापी की तीनों गुंबदों का सर्वे किया गया। रविवार को सर्वे का काम सुबह आठ बजे से पांच बजे तक चला था। सर्वे के दौरान ज्ञानवापी में एएसआई के 58 लोग, हिन्दू पक्ष से 8 लोग और मुस्लिम पक्ष से तीन लोग मौजदू रहे। कोर्ट के आदेशानुसार सर्वे की टीम को 2 सिंतबर तक रिपोर्ट देनी है।
गुंबदों में मिले 20 से अधिक आले
रविवार को ज्ञानवापी के गुंबदों का सर्वे किया गया, जिसमें इन गुंबदों की गोलाकार छत मिली है, जिस पर कई तरह के डिजाइन हैं। यहां की दीवारों में मंदिरों में दिखने वाली 20 से अधिक आले यानी दीवार में बना अलमारियां मिली है। इन आलों की संरचना व आसपास उभरे कुछ चिन्ह मिले हैं जिनकी 3डी मैपिंग की गई है। हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि गुंबदों का वैज्ञानिक परीक्षण किया गया है। तहखानों की सफाई करा दी गई है। टीम ने यहां की फोटोग्राफी और मैपिंग का काम किया। वहीं व्यास जी के तहखाने का भी सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि सर्वे के काम में और समय भी लग सकता है।
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