मस्तूरी। जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत भटचौरा के गोठान में पंचायत प्रतिनिधियों और सचिव की उदासीनता की वजह से फिर तीन मवेशियों की मौत हो गई है।
भटचौरा में छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांछी योजना गोठान में खुले आसमान के नीचे मवेशियों को रखा गया था, यही वजह है कि लगातार तीन दिन से हो रही बारिश के कारण गोठान के अंदर तीन मवेशियों की मौत हो ग। गोठन के अंदर मवेशियों की मौत की सूचना के बाद देखरेख करने वाले युवकों ने मवेशियों क शव को गोठान के बाहर फेंक दिया तो वहीं मौके पर एक मवेशी का शव गोठान के अंदर पानी में पड़े हुआ है।
एक तरफ राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम छत्तीसगढ को समृद्ध बनाने प्रयास कर रही है। लेकिन धरातल में पंचायत प्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण योजना सिर्फ कागजों में दिखाई दे रही है। घटना के बारे में जब ग्रामीणों से जानकारी ली गई तो, उन्होंने बताया कि गौठान में समिति बनी हुई है, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता है, इसलिए गांव के ही लोग मवेशियों की देखरेख़ करते हैं। गोठान में मवेशियों की देखरेख के लिए बच्चों को भेज देते हैं जो गौठान समिति और पंचायत की उदासीनता को दर्शाता है।
जांच के दिए गए आदेश: एसडीएम
एसडीएम बजरंग वर्मा मीडिया से गोठान में मवेशियों की मौत की जानकारी मिली है, जांच के आदेश पटवारी को दिए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
मस्तूरी क्षेत्र में घटना की पुनरावृित्त
सोन लोहर्सी में इस ्प्रकार की घटना पूर्व में हो चुकी है। चारा-पानी के अभाव में बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत हो गई थी। इसी प्रकार से तखतपुर विधानसभा के गांव में चारा पानी के अभाव में मवेशियों की मौत हो चुकी है। घटना होने के बाद भी इस प्रकार की उदासीनता बरती जा रही है। इससे शासन की महत्वकाक्षी योजना पर प्रश्न चिन्ह है।
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