इंदौर। बारिश के मौसम में आई फ्लू ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इसके मरीजों की संख्या एक सप्ताह से अचानक बढ़ने लगी है। संभाग के सभी जिलों से मरीज इसका इलाज करवाने के लिए इंदौर आ रहे हैं। स्कूल आफ एक्सीलेंस फार आई अस्पताल में जहां पहले इसके एक-दो मरीज आते थे, वहीं अब रोजाना करीब 20 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इसे कंजक्टिवाइटिस भी कहा जाता है।
इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग आ रहे हैं। इसमें आंख लाल होना, पलकों में सूजन आना, आंखे खुलने में परेशानी, धुंधला दिखना आदि समस्या होने लगती है। विशेषज्ञों के अनुसार, आई फ्लू कुछ मामलों में बेहद संक्रामक हो सकता है और पहले से ही संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।
बीमारी फैलने का सबसे बड़ा कारण जब संक्रमित लोग बार-बार अपनी आंखों को छूते हैं और अपने हाथों को साफ करना भूल जाते हैं। किसी व्यक्ति को यदि आई फ्लू हो तो उसकी आंखों में न देखें और न ही उसका रुमाल, तौलिया आदि का उपयोग ना करें। आंखों के सफेद भाग का लाल होने के अलावा भी ज्यादा आंसू आना, आंखों को रगड़ने की तीव्र इच्छा, खुजली या जलन होना, आंखों से चिपचिपे पदार्थ (मवाद) का रिसाव, पलकों में पपड़ी का जमाव होना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं।
संख्या बढ़ रही है, लोग ध्यान रखें
आइ फ्लू के मरीजों की संख्या पिछले एक सप्ताह से अचानक बढ़ गई है। लोगों को इसके प्रति ध्यान रखने की आवश्यकता है। लोग इसके लिए मेडिकल से आई ड्राप लेकर उपयोग करते हैं, जो बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यदि आई फ्लू के लक्षण नजर आ रहे हैं तो विशेषज्ञों से इलाज करवाना चाहिए। ताकि आंखों की किस लेयर पर है, यह पताकर बेहतर इलाज दे सके। इससे बचाव के लिए खानपान का ध्यान रखना चाहिए। खानपान में वह आहार शामिल करें जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
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