कहा जाता है कि काल भी भगवान शिव के रुद्र रूप महाकाल के सामने लाचार खड़ा होता है। वैसे तो भोलेनाथ का स्वभाव अत्यंत सौम्य है, लेकिन उनका यह स्वरूप अत्यंत रुद्र है। महाकाल को उज्जैन का महाराजा कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ काम को करने से पहले महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करना जरूरी है। शिप्रा नदी के तट पर स्थित उज्जैन मंदिरों का शहर है। उज्जैन का ज्योतिर्लिंग दक्षिणमुखी है। मान्यता है कि दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज है। इसलिए भगवान शिव के इस मंदिर को महाकाल कहा जाता है।
हर साल लाखों की संख्या में भक्त उज्जैन में महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं। कहते हैं महाकाल के दर्शन से सभी दुखों का नाश होता है। वहीं, भारी भीड़ के चलते महाकाल मंदिर के दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा शुरू हो गई है। आपकी बुकिंग स्वीकार होते ही मोबाइल पर एसएमएस आएगा। इसके अलावा लाइव आरती भी देखी जा सकती है।
क्या है बुकिंग के नियम शर्तें?
- महाकाल के दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग 60 दिन पहले कर सकते हैं।
- दर्शन के दो दिन पहले भी टिकट बुक कर सकते हैं।
- एक भक्त अपने खाते से 10 लोगों की बुकिंग कर सकता है।
- ऑनलाइन बुकिंग के लिए 200 रुपये का भुगतान करना होगा।
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