ग्वालियर। श्रावण के सोमवार पर रखे गए व्रतों की महिमा अपरंपार हैं। जब सती ने अपने पिता दक्ष के निवास पर शरीर त्याग दिया था, उससे पूर्व महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण भी किया था। इसलिए यह मास का सारा वातावरण शिवमय हो गया। इस अवधि में विवाह योग लड़कियां इच्छित वर पाने के लिए तथा परिवार की खुशियों और समृद्धि सम्मान के लिए सोमवार का व्रत रखती हैं, जबकि पुरुषों को इस व्रत के करने से कार्य व्यवसाय में उन्नति, शिक्षण सफलता आर्थिक मजबूती मिलती है।
ज्योतिषाचार्य डा. सतीश सोनी के अनुसार सावन महीने का चौथा सोमवार बेहद शुभ है। क्योंकि इस दिन सुबह 7:26 तक श्रावण अधिक मास की त्रयोदशी तिथि है। इसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी और 1 अगस्त को सुबह 3:00 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। वही सुबह 5:42 से शाम 6:58 तक रवि योग रहेगा। तथा सुबह से रात 11:05 तक विष्कुंभ योग रहेगा। उसके बाद से ही प्रीति योग आरंभ हो जाएगा। इसके साथ ही पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र सुबह से लेकर शाम 6:58 तक रहेगा, इसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र प्रारंभ होगा। आशुतोष भगवान भोलेनाथ की पूजा, अर्चना उपासना के लिए यह ग्रह नक्षत्र तथा योग का संयोग भोलेनाथ के भक्तों के परिवार में खुशियों के साथ समृद्धि और समाज में मान सम्मान बढ़ाएगा।
इच्छित वर की कामना पूर्ण होती है
विवाह योग्य युवतियों मनवाछिंत वर के लिए श्रवण मास के सोमवार का व्रत रखती है। युवतियों को सोमवार का व्रत रखकर विधि-विधान के साथ शिवालय में जाकर देवाधिदेव महादेव का अभिषेक करना चाहिए। पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ माता गौरी की पूजा कर देवाधिदेव महादेव को ऊं नम: शिवाय का जाप करते हुए बेलपत्र अर्पित करने चाहिए। इसके साथ आक के फूल, धातुर भी अर्पित करने चाहिए। देवाधिदेव महादेव प्रसन्न होकर इच्छित वर का वरदान देते हैं।
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