भोपाल। सोना कारोबारी गाैरव जैन को अपहरण कर उस पर अडीबाजी कर साढ़े पांच लाख हड़पने वाले आरोपित तीन पुलिस कर्मियों को पुलिस की मेहरबानी उजागर हो रही है। पांच माह बाद भी आरोपित पुलिस कर्मियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। यह दारियादिली तो आरोपितों को जमानत का लाभ दिलाने के लिए लग रही है। अगर ऐसा नहीं होता है तो टीआइ के घर चोरी की वारदात को 24 घंटे में पर्दाफाश कर आरोपितों को गिरफ्तार करने वाली इन पुलिस के आरक्षकों को गिरफ्तार नहीं कर पाती है। जबकि उनकी लोकेशन शहर के आसपास ही रहती है।
हम बता दें कि कोलार रोड निवासी गौरव जैन सोने के थोक कारोबारी है। उनको भोपाल और इंदौर में थोक का काम है। गौरव की शिकायत पर कोलार रोड पुलिस ने 16 फरवरी 2023 को आरक्षक देवेंद्र श्रीवास्तव , रोहित शर्मा व दो अन्य के खिलाफ अपहरण और अडीबाजी , मारपीट समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज कर मामला दर्ज कर लिया था। गौरव 14 गौरव की दोपहर गौरव करीब साढ़े तीन बजे सेविंग कराकर अपनी गाड़ी से घर लौट रहा थे, तभी बंजारी मैदान के पास एक कार ने उनके वाहन को ओवरटेक कर रोका और गाडी से चार युवक उतरे , इसमें दो कालोर रोड थाने के सिपाही देवेंद्र श्रीवास्तव और रोहित शर्मा थे। उन्होंने बताया कि दो लोग इंदौर क्राइम ब्रांच के है। इन पुलिस कर्मियों ने उसे एक वारंट दिखाया और बोला कि इसको तामिल किया तो चार से पांच माह जेल में रहना पड़ेगा। उन्होंने उससे 10 लाख रुपये की मांग की थी। इसके बाद उन्होंने 10 लाख रुपये की मांग की थी, इसके बाद उन्होंने अपनी कार से गौरव को बिठाया और उसे मारपीट कर पूरे शहर में घुमाया। बाद में गौरव ने अपने दोस्त से पांच लाख रुपये उसे दे दिए थे।बाद में उसे पालिटेक्निक कालेज के पास छोड़ दिया गया था। बाद में पूर्व पुलिस आयुक्त् मकरंद देऊस्कर ने दोनों आरक्षकों को बर्खास्त कर मामले की जांच का जिम्मा हबीबगंज थाना प्रभारी मनीष राज भदौरिया को दिया था। तब से यह पुलिस उनको गिरफ्तार ही नहीं कर पाई है।
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