रायपुर। रोड टैक्स नहीं देने वाले 12 वर्ष पुराने 229 स्कूल बस मालिकों के खिलाफ अब परिवहन विभाग सख्ती करने जा रहा है। ऐसे बकायेदार मालिकों की चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा एसडीएम से मांगा गया है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर समेत आरंग अभनपुर और तिल्दा-नेवरा एसडीएम को पत्र लिखकर रोड टैक्स के बकायेदार बस मालिकों का नाम, पता और मोबाइल नंबर सहित सूची भेजी गई है।
रोड टैक्स चुकाने का अंतिम मौका
पत्र में बताया गया है कि स्कूल बस के संचालकों ने पिछले 10 साल से करीब पांच करोड़ रुपए रोड टैक्स जमा नहीं किया है। इसकी वसूली करने के लिए बस मालिकों को सात अगस्त 2023 तक अंतिम मौका दिया गया है। निर्धारित अवधि में बकाया टैक्स जमा नहीं करने पर बस को जब्त कर नीलाम किया जाएगा।इसके बाद राशि बकाया होने पर उनकी चल-अचल संपत्तियों को कुर्क कर वसूली की जाएगी।
दरअसल मई और जून महीने में पुलिस परेड ग्राउंड में लगाए गए स्कूल बसों की मैकेनिकल जांच शिविर में नहीं आने वाली बसों की जब परिवहन और यातायात पुलिस विभाग ने जानकारी खंगाली तब यह जानकारी सामने आई। परिवहन विभाग ने बकाया पांच करोड़ का रोड टैक्स वसूलने 229 स्कूल बसों के संचालकों को नोटिस जारी कर 30 जून तक बकाया टैक्स जमा करने का समय दिया था। यह अवधि अब बीत चुकी है। लिहाजा सभी को नोटिस जारी किया गया।
जारी नोटिस में केंद्रीय मोटरयान अधिनियम का हवाला देते हुए इनका उपयोग स्कूलों बसों के रूप में नहीं करने की चेतावनी भी दी गई है। निर्धारित अवधि में टैक्स जमा नहीं कराने पर भू राजस्व संहिता के तहत बसों के साथ ही अन्य चल-अचल संपत्तियों को सीज करने की चेतावनी दी गई थी। विभाग ने इन बसों को यात्री बस के रूप में संचालित करने की भी सलाह शैक्षणिक संस्थानों को दी है।
एक बस पर 1.25 से 2.50 लाख बकाया
स्कूलों में चलाई जा रही 229 बसों का तीन से पांच साल का रोड टैक्स जमा नहीं किया गया है।प्रत्येक बस का औसतन 1.25 लाख रुपए से लेकर 2.50 लाख रुपए तक बकाया है।इन सभी की गणना करने के बाद प्रत्येक बस मालिक और स्कूल प्रबंधन को टैक्स जमा करने के सख्त निर्देश दिए गए है।30 जून तक टैक्स जमा नहीं करने पर बसों को सीज करने की कार्रवाई की जायेगी।
एसडीएम जुटा रहे जानकारी
परिवहन विभाग ने रायपुर,आरंग, अभनपुर और तिल्दा एसडीएम को पत्र लिखकर रोड टैक्स नहीं देने वाले 12 वर्ष पुराने 229 स्कूल बस मालिकों के चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है।इसके बाद से सभी एसडीएम बस मालिकों की संपत्तियों की जानकारी जुटाने में लगे हुए है।
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