दमोह। जिले भर में रोजाना हजारों की संख्या में आईफ्लू के मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। आंखों में लालपन व जलन के मरीज, मौसम के बिगड़े मिजाज से फैली आईफ्लू से हर वर्ग के लोग सक्रमित हो रहे हैं। उमस होने से वायरल के साथ अब आईफ्लू का भी संक्रमण लोगों में तेजी से फैल रहा है। लगभग 10 दिनों में आईफ्लू के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। हर दिन की ओपीडी में दर्जनों मरीज आईफ्लू संक्रमित आ रहे हैं। शहर के अलावा ग्रामीण अंचल में भी आईफ्लू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। घर का एक सदस्य संक्रमित होने पर उसके संपर्क में आकर पूरा परिवार आई फ्लू का शिकार हो रहे हैं।
आंखों में देखने से नहीं फैलता संक्रमण
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश राय ने बताया इन दिनों आंख के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इन दिनों हर साल आंखों के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन इस साल यह संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। संक्रमित बीमारी आईफ्लू संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या उसकी तौलिया आदि का उपयोग करने से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। लोगों में यह भी भ्रम है कि संक्रमित व्यक्ति के आंखों को देखने से भी आईफ्लू हो जाता है, जबकि यह गलत है। आईफ्लू की चपेट में आए मरीजों की में आंख में दर्द, लाल होना, चिपकना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाना जरूरी है।
संक्रमण में गलत दवाई ना डालें
डॉ राकेश राय ने बताया कि कई मरीज मेडिकल से ही आईड्रॉप लेकर आंखों में डाल रहे हैं, जो आंख के लिए काफी खतरनाक भी है। ऐसी लापरवाही से बचना चाहिए और बिना विशेषज्ञ की सलाह से कोई भी ड्रॉप आंखों में ना डालें। संक्रमण होने पर गलत दवाई डालने से आंख खराब होने का खतरा रहता है। गलत दवाई लेने से सेल्यूलाइटिस हो सकता है, जिसमें मरीज की आंख के अंदर तक संक्रमण फैल सकता है।
हाथों को बार-बार धोएं
डॉ राय का कहना है कि आईफ्लू होने पर संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन, रूमाल, तोलिया आदि का उपयोग करने से दूसरे व्यक्तियों को बचना चाहिए। इसके साथ ही दिन में अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोते रहना चाहिए। घर से बाहर जाते समय साबुन से हाथ धोने के बाद ही आंख को छुएं। इसके अलावा जब कभी बाहर से आएं तो हाथ,पैर धोकर ही घर में प्रवेश करें। आईफ्लू के मरीजों के संपर्क में ज्यादा न रहें उनके द्वारा उपयोग किए जा रहे टॉबिल, रूमाल आदि का उपयोग करने से बचना चाहिए।
सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे बच्चे
आईफ्लू संक्रमण सबसे ज्यादा बच्चों में देखने को मिल रहा है। बुजुर्गों में भी यह बीमारी तेजी से फैल रही है। स्कूलों में छोटे बच्चे इसका शिकार हो रहे हैं, जिनसे उनके स्वजन भी ग्रसित हो रहे हैं। डॉ राय ने बताया कि तेजी से फैल रहे आईफ्लू संक्रमण को स्वच्छता पूर्वक ही रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि जितनी तेजी से मरीज बढ़ रहे हैं, उतनी तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मरीजों को बिना डॉक्टर के कोई भी दवा आंख में डालने से बचना चाहिए।
संक्रमण से बचाव के तरीके
इससे बचाव का सबसे अच्छा तरीका है आंखों को हाथ न लगाएं, बार-बार हाथों को आंख में लगाने से संक्रमण और फैलता है। साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें, हाथों को साफ रखें। बच्चों को संक्रमण होने पर स्कूल न भेजें। एक कपड़े का उपयोग दूसरी बार न करें। इन सावधानियों से काफी हद तक संक्रमण को रोका जा सकता है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.