भोपाल। मध्य प्रदेश में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी कुछ हद तक दूर हो सकेगी। इसका कारण यह है कि प्रदेश के 14 सरकारी मेडिकल कालेजों में से 11 में अब एमडी-एमएस (स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम) शुरू हो गया है। पिछले वर्ष तक आठ कालेजों में ही ये पाठ्यक्रम उपलब्ध थे।
कालेज के साथ ही बढ़ी सीटों की संख्या
कालेज बढ़ने के साथ ही सीटों की संख्या भी बढ़ी है। पिछले वर्ष इनकी 987 सीटें थीं, जबकि इस वर्ष इनकी संख्या 1200 से अधिक हो गई है। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी निजी कालेजों की संख्या आठ है। इन कालेजों में पिछले वर्ष 776 सीटों पर प्रवेश हुए थे, जबकि इस वर्ष अभी तक 830 सीटों की मान्यता मिली है।
आरंभ हो चुकी है काउंसलिंग
बता दें, प्रदेश के सरकारी व निजी मेडिकल और डेंटल कालेजों में एमडी-एमएस और एमडीएस में प्रवेश के लिए काउंसलिंग 25 जुलाई से शुरू हो चुकी है। 28 जुलाई को सीटों की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। इसी में सीटों की अंतिम जानकारी पता चलेगी।
बढ़ सकती है सीटों की संख्या
इसकी वजह यह कि अभी भी राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) से मान्यता जारी की जा रही है, जिससे सीटों की संख्या कुछ और बढ़ सकती है। प्रवेश नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण की सीटों का आवंटन 11 अगस्त को किया जाएगा।
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