मप्र के सीएम शिवराज की घोषणा – अब नहीं रहेगा संविदा सेवा शब्द जिले से काेई अधिकारी सेवा नहीं कर सकेगा समाप्त
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में अब संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को नया नाम मिलेगा। जिले से कोई अधिकारी संविदाकर्मी की सेवा समाप्त नहीं कर पाएगा। नियमित कर्मचारियों की तरह ही अवकाश की सुविधा मिलेगी। प्रतिवर्ष सेवा का मूल्यांकन करने की व्यवस्था भी नहीं रहेगी। हड़ताल के समय का जो वेतन कटा था, वह भी वापस मिलेगा और कोई प्रकरण भी नहीं चलेगा।
यह आश्वासन रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने संविदा कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को भेंट के दौरान दिया। इस दौरान सेवा शर्तों में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया गया।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने संविदा कर्मचारियों की सेवा शर्तों के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसको राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चन्द्र शर्मा, भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह, सुल्तान सिंह शेखावत की अगुआई में विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उनका आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि पूर्व में भी कर्मी कल्चर खत्म करने, अध्यापक पद का सम्मानजनक नाम देने का निर्णय लिया गया था। संविदा कर्मचारियों के जीवन में निश्चिंतता लाने के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। शर्मा ने बताया कि इस दौरान प्रतिनिधियों ने संविदा के स्थान पर दूसरा नाम, जैसे स्थाई या नियाेजित कर्मचारी, रखने के लिए कहा।
इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताते हुए कहा कि आप ही विचार करके कोई नाम सुझाएं। हम भी विचार करेंगे। वहीं, दिशानिर्देश में नियमित कर्मचारियों की तरह ही अवकाश की सुविधा और सेवा के मूल्यांकन की व्यवस्था समाप्त करने संबंधी स्पष्टता न होने को लेकर अपनी बात रखी।
इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि नियमित कर्मचारी की तरह ही अवकाश की सुविधा मिलेगी। नवीनीकरण के लिए मूल्यांकन जैसी व्यवस्था नहीं रहेगी। जिले से कोई अधिकारी सेवा समाप्त नहीं कर सकेगा। कोई प्रकरण होने पर कर्मचारियों के लिए जांच आदि की जो व्यवस्था है, वही रहेगी।
उन्होंने कहा कि नियमित कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता देने और जो उपयंत्री वरिष्ठ संविदा कर्मी हो चुके हैं, उन्हें निर्माण विभागों में सहायक यंत्री का प्रभार नहीं देने की बात रखी गई। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, तकनीकी कर्मचारियों की समस्या का भी समाधान होगा। कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप ही दिशानिर्देश होंगे। इसको लेकर संशोधन किया जाएगा।
प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित हो
संविदा कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से यह मांग भी की कि योजना या परियोजना के बंद होने पर अन्य विभागों में प्रतिनियुक्त की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। 50 प्रतिशत नियमित पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा की व्यवस्था पर पुनर्विचार हो।
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