इंदौर। करीब नौ वर्ष पुराने इंदौर के नम्रता डामोर मामले में मृतका के पिता ने एक बार फिर सीबीआइ द्वारा प्रस्तुत खात्मा रिपोर्ट को नकार दिया है। इंदौर जिला कोर्ट में दिए बयान में उन्होंने कहा कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती। उसकी हत्या हुई है। मामले में अब अगस्त के पहले सप्ताह में बहस होगी। इसके बाद स्पष्ट होगा कि कोर्ट सीबीआइ की ओर से प्रस्तुत खात्मा रिपोर्ट स्वीकारती है या नहीं।
एमजीएम मेडिकल कालेज की छात्रा नम्रता डामोर का शव 7 जनवरी 2012 को उज्जैन से कुछ आगे रेलवे पटरी पर पड़ा मिला था। नम्रता मेडिकल कालेज में प्रथम वर्ष की छात्रा थी। वह मेडिकल कालेज के हास्टल में ही रहती थी। घटना के कुछ दिन पहले से वह गायब हो गई थी। हास्टल प्रबंधन ने संयोगितागंज पुलिस थाने पर उसकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को सौंपी थी जांच
जुलाई 2015 में एक पत्रकार की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अन्य मामलों के साथ इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। सीबीआइ ने जांच के बाद नम्रता मौत मामले में खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी, लेकिन नम्रता के पिता मेहताब सिंह ने इस पर आपत्ति ली। बाद में कोर्ट ने सीबीआइ को दोबारा जांच करने के आदेश दिए थे।
अगली सुनवाई पर होगी अंतिम बहस
हाल ही में सीबीआइ ने इस मामले में दोबारा खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत की है। मेहताब सिंह ने कोर्ट में दिए बयान में इस रिपोर्ट को नकार दिया है। उनका कहना है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती। निश्चित ही उसकी हत्या हुई है। मामले की अगली सुनवाई पर इसी मुद्दे पर अंतिम बहस होगी।
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