भोपाल: मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शनिवार को भी जबलपुर, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में वर्षा होने की संभावना है। बैतूल, सीहोर, इंदौर उज्जैन सहित 11 जिलों में भारी वर्षा होने के आसार है। गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात इछावर क्षेत्र में भारी वर्षा होने से बाढ़ से हालात बन गए हैं। इसी के चलते शुक्रवार को कोलार डैम के दो गेट खोले गए। सिर्फ इछावर क्षेत्र में चार घंटे में पांच इंच वर्षा दर्ज की गई। वहीं सीहोर जिले में दो इंच वर्षा हुई है। मानसून द्रोणिका प्रदेश के रायसेन, छिंदवाड़ा जिला से होकर गुजर रही है। बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे मिल रही नमी से विभिन्न जिलों में वर्षा हो रही है।
इन जिलों में भारी वर्षा के आसार
मौसम विभाग ने बैतूल, रतलाम, उज्जैन, आगर, छिंदवाड़ा, सीहोर, हरदा, खंडवा, खरगोन, इंदौर, देवास जिले में वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया है। इसी तरह नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, रायसेन, नर्मदापुरम, बड़वानी, झाबुआ, धार, शाजापुर, मंदसौर, नीमच जिले में गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ने का यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि 24 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनने के संकेत मिले हैं। उसके प्रभाव से 25 जुलाई से मप्र के अधिकतर जिलों में भारी वर्षा होने के आसार हैं।
नमी नहीं मिलने से रुक-रुककर हो रही वर्षा
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अशफाक हुसैन ने बताया कि मानसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा, रायसेन, छिंदवाड़ा से कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। दक्षिणी ओडिशा एवं उत्तरी आंध्र प्रदेश पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भाग पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियों के असर से रुक-रुककर वर्षा हो रही है। हालांकि कम दबाव के क्षेत्र के आगे बढ़ने की रफ्तार काफी मंद होने की वजह से अपेक्षाकृत नमी नहीं मिल रही है। इससे अधिकतर स्थानों पर तेज बौछारें पड़ने के बजाए रुक-रुककर वर्षा हो रही है। मानसून द्रोणिका के नीचे आने से आष्टा और हरदा में भारी वर्षा की स्थिति बनी है।
इछावर में 15 गांव बन गए टापू
सीहोर में तेज वर्षा क्षेत्र के कई गांवों के लिए आफत बनकर बरसी। इसी के चलते इछावर क्षेत्र के 15 से ज्यादा गांव टापू बन गए हैं। वहीं कई गांवों में पानी भर गया है। दरअसल, सीहोर जिले में पार्वती, कुलांस, सीप, अजनाल, पपनास, सीवन सहित लगभग सभी नदियां उफान पर थीं। कुलांस, सीप, घोड़ा पछाड़ और इछावर क्षेत्र के नदी-नाले उफान पर होने से कोलार डैम भी भर गया। भोपाल से भैरूंदा होते हुए इंदौर जाने वाले मार्ग पर सीप नदी पर बना डायवर्ट पुल डूबने से आवागमन बाधित रहा।
कहां कितनी बारिश दर्ज
शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मलाजखंड में 16, खरगोन में 11, नर्मदापुरम में आठ, धार में आठ, सिवनी में पांच, नरसिंहपुर में चार, इंदौर में 1.2, जबलपुर, मंडला में एक, पचमढ़ी में 0.8,उज्जैन में 0.6, छिंदवाड़ा में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई। उधर गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात हरदा जिले के हरसूद में 15, सीहोर जिले के इछावर में 14, खंडवा जिले के खालवा में 12, हातोद एवं सोनकच्छ में नौ, खरकिया में आठ, आलोट, आष्टा, इंदौर, पिपरिया में सात सेमी वर्षा हुई।
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