उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर सें श्रावण मास में सोमवार को भगवान महाकाल की दूसरी सवारी निकली। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर मनमहेश रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले।
जैसे ही सभा मंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन शुरू हुआ। झमाझम वर्षा शुरू हो गई। पालकी जब नगर भ्रमण के लिए रवाना हुई वर्षा हो रही थी। पुजारियों का कहना था कि भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने के लिए इंद्रदेव काले मेघों पर सवार होकर आए हैं।
मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी ने राजाधिराज महाकाल को सलामी दी। इसके बाद भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच सवारी शिप्रा तट की ओर रवाना हुई। सोमवती अमावस्या के संयोग में निकली भगवान महाकाल की दूसरी सवारी के दर्शन के लिए देशभर से करीब तीन लाख लोग उज्जैन पहुंचे थे।
भारी वर्षा के बावजूद भक्त भगवान महाकाल की एक झलक पाने के लिए सवारी मार्ग पर खड़े हुए थे। परंपरागत मार्ग से होकर सवारी शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात पालकी पुन: मंदिर की ओर रवाना होगी।
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