मध्य प्रदेश में पांच वेदर सिस्टम सक्रिय इन 20 जिलों में भारी बारिश की संभावना

भोपाल। मानसून द्रोणिका के मध्य प्रदेश से होकर गुजरने एवं बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के बनने से मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रविवार को 20 जिलों सीधी, सिंगरौली, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी, पन्ना, छिंदवाड़ा, बैतूल, बुरहानुपर, रतलाम, देवास, उज्जैन, रायसेन, इंदौर, नरसिंहपुर, सिवनी, सागर में भारी वर्षा हो सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक रविवार को ओडिशा और मध्य प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है, जबकि उत्तराखंड में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की प्रबल संभावना जारी की गई है।

अच्‍छी बारिश के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने और मानसून द्रोणिका के मप्र से होकर गुजरने से मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगी है। इससे रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर व उज्जैन संभाग के जिलों में अच्छी वर्षा होने की संभावना है। ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। 18 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक अन्य चक्रवात के बनने की संभावना है। इस वजह से वर्षा का सिलसिला लगातार बना रह सकता है।

इन क्षेत्रों में आज वर्षा होगी

आईएमडी ने बताया कि देश के कई हिस्सों में सिस्‍टम बनता देखा गया है। इन क्षेत्रों में जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तरी पंजाब, दक्षिणी हरियाणा, पूर्वोत्तर राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश, दक्षिणी मध्य प्रदेश, गुजरात क्षेत्र, विदर्भ, उत्तरी आंतरिक और तटीय ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तरी तमिलनाडु, उत्तरी केरल, आंतरिक शामिल हैं। कर्नाटक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय और नागालैंड क्षेत्र। अगले तीन या चार घंटों के दौरान उपरोक्त क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है

वर्तमान में यह है मौसम सिस्‍टम

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक वर्तमान में मानसून द्रोणिका राजस्थान, उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश के सीधी से होकर छत्तीसगढ़, ओडिशा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी गुजरात पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। पाकिस्तान के ऊत्तरी भाग में एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है।

अच्छी वर्षा से नदियां उफान पर

विभिन्न अंचलों में बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। ग्वालियर-चंबल अंचल के भिंड की निचली बस्तियों के घरों में पानी भर गया। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ में शहर सहित ग्रामीण अंचलों में भारी वर्षा हुई। बान सुजारा बांध के चार गेट खोलकर पानी धसान नदी में छोड़ा गया, यहां पर निचले क्षेत्रों में स्थित गांवों में अलर्ट भी जारी किया गया। विदिशा जिले के ग्यारसपुर क्षेत्र में जोरदार वर्षा से निर्माणाधीन तालाब का पानी खेतों में घुसने से छह किसानों की फसल बह गई। रायसेन के बेगमगंज क्षेत्र में बीना और सेमरी नदी और बेरखेड़ी घाट के रपटा कम डैम के पुल पर पानी होने से कई गांवों का संपर्क टूटा रहा। अच्छी वर्षा से शिप्रा, चंबल आदि नदियां उफान पर आ चुकी हैं।

दिल्ली में अगले चार दिनों तक बारिश होगी

यमुना में बढ़ते जलस्तर के बीच राष्ट्रीय राजधानी में अगले चार दिनों तक मध्यम बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों ने यह भी अनुमान लगाया है कि दिल्ली में 17-18 जुलाई को बारिश में मामूली वृद्धि देखी जाएगी।

हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी

शनिवार को हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश हुई, मौसम विभाग ने दिन के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया। आईएमडी ने भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था।

कहां कितनी बारिश दर्ज

शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक जबलपुर में 73.8, पचमढ़ी में 27, मलाजखंड में 14, सागर में 13, मंडला में आठ, खजुराहो में 7.8, नौगांव, धार में पांच, शिवपुरी, उमरिया, दमोह, सतना एवं सीधी में चार, नर्मदापुरम में तीन, गुना में 0.6, ग्वालियर में 0.5, छिंदवाड़ा में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात सागर में 142, सिवनी में 81.4, नर्मदापुरम में 54 मिमी. वर्षा हुई।

18 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक अन्य चक्रवात के बनने की संभावना

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़े चक्रवात और मानसून द्रोणिका के मप्र से होकर गुजरने से मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगी है। इस वजह से शहडोल, जबलपुर, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर व उज्जैन संभाग के जिलों में अच्छी वर्षा होने की संभावना है। ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। उधर 18 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक अन्य चक्रवात के बनने की संभावना है। इस वजह से वर्षा का सिलसिला एक सप्ताह तक लगातार बना रह सकता है।

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