रविवार की शाम जरूर करें झाड़ू से जुड़ा ये उपाय पैसों की समस्या हो जाएगी खत्म

हिंदू धर्म के अनुसार सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित माना जाता है। रविवार का दिन सूर्यदेव की आराधना का दिन माना जाता है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य नीच है तो आपको जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए रविवार के दिन कुछ खास उपाय जरूर कर लेने चाहिए। इन उपायों को करने से करियर में आ रही बाधाएं दूर होती है और जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कि रविवार के दिन किए जाने वाले उपाय कौन से हैं।

रविवार के दिन करें ये उपाय

– रविवार के दिन 3 झाड़ू खरीदकर सोमवार को इन झाड़ुओं को किसी मंदिर में दान कर दें। ऐसा करने से भाग्य चमक उठता है। साथ ही बिगड़े काम भी बनने लगते हैं।

– अगर आप चाहते हैं कि आपकी हर मनोकामना पूरी हो तो रविवार के दिन बरगद के पत्ते पर अपनी बात लिख दें। इसके बाद पत्ते को बहते पानी में प्रवाहित कर दें।

– शास्त्रों के अनुसार रविवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे शाम के समय चौमुखा दीपक जलाना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। साथ ही धन की कभी भी कमी नहीं होती। यदि आपका धन लंबे समय से कहीं फंसा हुआ है तो ये उपाय कारगर साबित होगा।

– अपनी कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार के दिन आप गुड़, दूध, चावल और कपड़े किसी को दान जरूर करें। इससे आपको कार्यों में सफलता मिलेगी।

– रविवार के दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े धारण करें। इसके बाद सूर्य देवता को अर्घ्य दें। इसके साथ ही ओम सूर्याय नमः, ओम वासुदेवाय नमः, ओम आदित्य नमः मंत्र का जाप करें।

– रविवार के दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

– सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए रविवार के दिन गाय को घी, गुड़ और रोटी अपने हाथों से खिलाएं। ऐसा करने से आपको धन की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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