खंडवा। खंडवा शहर में पेयजल वितरण के मामले में पिछले वर्षों की तुलना में सुधार आया है। खंडवा नगर निगम द्वारा एक नहीं तीन-तीन स्रोतों से शहर में जलापूर्ति की जा रही है ताकि आमजन को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े लेकिन पीने के लिए पानी मिलने के बाद भी लोग जल कर अदा करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। करीब 16 करोड़ रुपये जल कर उपभोक्ताओं पर बकाया हो गया है।
17 करोड़ रुपये के संपत्ति कर की वसूली बाकी
अधिकांश नागरिकों द्वारा करों का भुगतान समय पर नहीं करने से नगर निगम की माली हालत बिगड़ती जा रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नगर निगम को आमजन से बकाया कर के रूप में 33 करोड़ रुपये वसूल करने हैं। इसमें 16 करोड़ रुपये पेयजल के बकाया हैं। जबकि 17 करोड़ रुपये संपत्ति कर की वसूली की जानी है। पूर्व में नर्मदा जल योजना की पाइप लाइनें बार-बार फूटने के कारण पर्याप्त पानी नहीं मिलने से लोग जल कर अदा नहीं करते थे लेकिन अब नगर निगम द्वारा नर्मदा जल के अलावा अन्य स्रोतों से भी पानी दिया जा रहा है बावजूद इसके जल कर की राशि की वसूली में कोई अंतर नहीं आया है।
25 फीसद उपभोक्ता नहीं भरते पानी का बिल
खंडवा नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार हर तीन महीने में एक करोड़ 80 लाख रुपये के बिल जारी होते हैं लेकिन इसमें से 25 फीसद उपभोक्ता पेयजल के बिल की राशि जमा ही नहीं करते हैं। ऐसे में यह राशि बकाया हो जाती है। खंडवा नगर निगम द्वारा वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पूर्व पेयजल की बकाया राशि वसूलने के लिए शिविर लगाए गए थे लेकिन इनमें भी कोई खास राशि जमा नहीं हो सकी।
संपत्ति की तुलना में नल कनेक्शन कम
जीआइएस सर्वे के अनुसार शहर में 43 हजार 300 संपत्ति है। जबकि नल कनेक्शनों की स्थिति देखें तो महज 27 हजार 700 ही हैं। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि शहर में बड़ी संख्या में अवैध नल कनेक्शन भी चल रहे हैं। सुक्ता की लाइन से लिए गए अवैध कनेक्शनों को नगर निगम द्वारा बंद नहीं किया गया है। वर्तमान में नर्मदा लाइन के अलावा सुक्ता की पुरानी लाइन से भी लोग पानी का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर कालोनियां अभी नगर निगम को हस्तांतरित नहीं हुई हैं, वहां स्थित नल कनेक्शन कालोनाइजर्स द्वारा ही संचालित किए जा रहे हैं। वहीं दर्ज संपत्ति में कई खाली प्लाट भी शामिल हैं।
तीन स्रोतों से आ रहा पानी
शहर में वर्तमान में नर्मदा जल योजना के अलावा, नागचून तालाब और सुक्ता फिल्टर प्लांट से भी पानी दिया जा रहा है।गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले ही यह व्यवस्था नगर निगम द्वारा शुरू कर दी गई थी। यही कारण रहा कि इस बार शहरवासियों को अत्यधिक पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ा।हालांकि अब भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां नर्मदा जल प्रेशर से नहीं पहुंच पाता है, वहां निगम द्वारा टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है।
जल कर वसूली के लिए हमने दल गठित किया है। बकाा राशि अदा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं को समझाइश दी जा रही है। यदि इसके बाद भी वे राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो कनेक्शन विच्छेद की कार्रवाई की जाएगी। – सचिन सिटोले, उपायुक्त, नगर निगम
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