दो दिन की तेज वर्षा के बाद बुधवार को भी बरसात की उम्मीद बंधी थी। सुबह से ही आसमान में बादल छाए थे और संभावना थी कि दिनभर में कभी भी वर्षा का दौर शुरू हो सकता है, लेकिन बादल बरसे नहीं। इसके चलते दिन में लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि गुरुवार को हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। मानसून की अक्षीय रेखा ग्वालियर के ऊपर से गुजरने के कारण जुलाई से झमाझम वर्षा की संभावना है।
बुधवार की सुबह आसमान में हल्के बादल छाए हुए थे। दोपहर होते-होते बादल घने हो गए। बादलों की आवाजाही का यह क्रम चलता रहा, लेकिन बिना वर्षा के दिन गुजर गया। इसके चलते तापमान में भी मामूली वृद्धि दर्ज की गई। स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मंगलवार की तुलना में बुधवार को अधिकतम तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस आंशिक वृद्धि के साथ 34.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह औसत से 0.8 डिग्री सेल्सियस कम है। न्यूनतम तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 25.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 1.4 डिग्री सेल्सियस कम है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून की अक्षीय रेखा इस समय ग्वालियर के ऊपर से गुजर रही है। राजस्थान और उससे सटे मध्यप्रदेश में चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। महाराष्ट्र से केरल तट तक आफशोर ट्रफ लाइन गुजर रही है। इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से अगले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर-चंबल संभाग में अनेक स्थानों पर गरज-चमक के साथ कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश हो सकती है। राजस्थान और उससे सटे मध्यप्रदेश में बना चक्रवाती परिसंचरण अगले 48 घंटे में और मजबूत होगा। इसके प्रभाव से 14 से 17 जुलाई तक अंचलभर में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।
अधिकतम तापमान 34.80
न्यूनतम तापमान 25.1
कुल वर्षा 318.0 मिलीमीटर दर्ज की गई है
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