अमित शाह का दिया होमवर्क पूरा करने साथ बैठे भाजपा के वरिष्ठ नेता

भोपाल। नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बुधवार को फिर से बैठक हुई। वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए होमवर्क पर काम कर रहे हैं। शाह के बाद अब बैठकों की कमान केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के हाथों में आ गई। घोषणा पत्र समिति, चुनाव प्रबंधन समिति, चुनाव अभियान समिति सहित विभिन्न समितियों के गठन से लेकर दिग्गज नेताओं ने विचार कर सभी नेताओं के साथ समन्वय बनाते हुए सूची तैयार की है।

विजय संकल्प अभियान को लेकर भी भाजपा नेताओं ने इसकी रूपरेखा पर विचार किया। इस बैठक में अमित शाह, केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और अश्विनी वैष्णव नहीं थे। इन नेताओं ने मंगलवार रात करीब साढ़े 11 बजे तक प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश के नेताओं की बैठक ली।

उन्हें विधानसभा चुनाव जीत का मंत्र दिया, साथ ही मैदानी स्तर पर रणनीति बनाने का होमवर्क भी दिया है। उधर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार देर रात दिल्ली चले गए थे, वहां गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आ रही हैं। सिंधिया बुधवार शाम को फिर से भोपाल आ गए और इस बैठक में शामिल हुए।

दिन भर चला बैठकों का दौर

भाजपा कार्यालय में बुधवार को दिनभर बैठकों का दौर चला। पहली बैठक केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने ली तो उसमें विष्णु दत्त शर्मा, हितानंद और पर मुरलीधर राव जैसे नेता शामिल हुए। दोपहर बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आ गए और अंतिम में छोटी टोली में शामिल नेताओं की बैठक हुई । बैठक में विजय संकल्प अभियान के अंतर्गत निकाली जाने वाली यात्राओं के मार्ग पर विचार किया गया। किन किन शाहरों से यात्राएं प्रारंभ करना है, इस विषय पर भी विचार किया गया

केंद्रीय गूह मंत्री अमित शाह द्वारा पार्टी में कसावट लाए जाने की चेतावनी दी गई है। उन्होंने साफ कहा कि कार्यकर्ताओं को एकजुटता का संदेश ऊपर से मिलना चाहिए। इसके साथ ही उपेक्षित पड़े नेताओं को भी काम देने का निर्देश शाह ने दिया है। इसके बाद माना जा रहा है कि ग्वालियर-चंबल में पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया का कद बढ़ाया जाएगा। बुदेलखंड में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को सक्रिय किया जाएगा।

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा को भी मुख्यधारा में वापस लाया जाएगा। चाहे सरताज सिंह हों या रामकृष्ण कुसमरिया अथवा राघवजी और जयंत मलैया जैसे दिग्गज और बुजुर्ग नेताओं को भी सम्मान के साथ बैठकों में आमंत्रित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। ऐसे नेताओं को किसी न किसी समिति में जोड़कर उनका सहयोग लेने की रणनीति भी तैयार की जा रही है।

केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और गूह मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा तीनों नेता मिलकर ग्वालियर-चंबल को संभालेंगे। पार्टी ने यह भी तय किया है कि अब तोमर और सिंधिया मध्य प्रदेश को ज्यादा समय देंगे। चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी भी इन नेताओं के साथ समन्वय बनाकर निर्णय करेंगे।

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