भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव दोस्ती निभाने में भी माहिर हैं तो काम कराने में भी। हाल ही में केंद्रीय मंत्री और भाजपा के प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र यादव जी-20 की बैठक की तैयारी की समीक्षा के लिए इंदौर आए तो उनके साथ दिल्ली से विजयवर्गीय भी आए। इंदौर में केंद्रीय मंत्री भी उनके घरेलू मेहमान की तरह ही रहे। भोजन भी विजयवर्गीय के घर ही किया। भाजपा कार्यालय में बैठक के दौरान विजयवर्गीय ने यादव की तारीफ में यहां तक कहा कि यह (यादव) मुझे अपना बड़ा भाई मानते हैं, लेकिन बड़े भाई की जिम्मेदारी यही निभाते हैं। केंद्रीय मंत्री ने भी भाईचारे का फर्ज निभाया और विजयवर्गीय व विधायक रमेश मेंदोला के विधानसभा क्षेत्र-दो में स्थित नंदानगर बीमा अस्पताल में मेडिकल कालेज की बड़ी सौगात दे गए। इस जुगलबंदी से भाजपा के दूसरे खेमे में चिंता होना स्वाभाविक है।
मंत्री मांगे ज्वार-पनीर, कौन सुने अफसरों की पीर
निमाड़ के रहने वाले एक मंत्री जब भी भोपाल जाते हैं या भोपाल से निमाड़ लौटते हैं तो इंदौर रेसीडेंसी कोठी पर उनका मजमा जमता ही है। हर बार उनके साथ 10-15 मिलने वालों का लवाजमा चलता है। कई बार उनकी आवाजाही बिना काम की होती है। … खैर नेता हैं तो लवाजमा तो होगा ही, लेकिन आफत उनसे जुड़े विभागीय अधिकारियों की आ जाती है। हर बार इन अधिकारियों को पूरे दल के खानपान का इंतजाम करना पड़ता है। इस पर भी मंत्री के साथ आए लोगाें की हर बार यह फरमाइश होती है कि खाने में पनीर तो चाहिए ही। फिर मंत्री जी अक्सर ज्वार की रोटी ही खाते हैं। कभी पशु चिकित्सा तो कभी सामाजिक न्याय विभाग को यह जिम्मेदारी उठानी ही पड़ती है। अब मंत्री के हर बार के इस भंडारे का खर्च कहां से निकलता होगा, यह अफसर ही जानें।
बेड़ेकर को फलीभूत हुआ इंदौर, अब शर्मा को इंतजार
अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर को इंदौर काफी फलीभूत हुआ। यहीं रहते हुए उनको गत वर्ष आइएएस अवार्ड हुआ और अब यहीं से उनको आलीराजपुर जिले की कलेक्टरी भी मिल गई। वर्ष 2020 में कोरोनाकाल में तत्कालीन कलेक्टर मनीषसिंह उनको भोपाल से इंदौर लाए थे। बेड़ेकर ने भी सिंह के प्रति अपनी वफादारी का परिचय देकर हर काम उनकी मंशा के अनुरूप ही किया। इंदौर कलेक्टर कार्यालय में एक और आइएएस अपर कलेक्टर अजयदेव शर्मा भी हैं। बेड़ेकर के कलेक्टर बनने के बाद शर्मा के शुभचिंतक पूछ रहे हैं कि आपको यह सौभाग्य कब प्राप्त होगा। इस सवाल पर शर्मा मुस्कुराकर चुप रह जाते हैं। जानने वाले कहते हैं, जबलपुर से ताल्लुक रखने वाले शर्मा की पहुंच भी ऊंची है। इंदौर में इतने दिन से यूं ही नहीं हैं। प्रदेश के मुखिया की कृपा रही तो इंदौर से वे भी किसी जिले की उड़ान भर सकते हैं।
कुछ न सही तो गुलदस्ता ही सही
आम कार्यकर्ता ऐसा करें तो समझ में आता है, लेकिन जब पदों पर रहने वाली महिलाएं करें तो सोचनीय स्थिति हो जाती है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव हाल ही में इंदौर आए तो पार्टी कार्यालय पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। गुलदस्तों से टेबल भर गई। प्रदेश प्रभारी बनने के बाद पहली बार अाए, तो स्वाभाविक है कि सभी बढ़-चढ़कर उनकी निगाह में आना चाहते थे। बैठक के बाद जब प्रदेश प्रभारी लौट गए तो सभागार में मौजूद भाजपा की कुछ नेत्रियों ने उन्हीं गुलदस्तों के साथ फोटो खिंचवाए और सेल्फी भी ली। यहां तक तो सब ठीक रहा, लेकिन जाते-जाते इन्हीं में से महिला मोर्चा और नगर संगठन की कुछ पदाधिकारी मंत्री को दिए गुलदस्ते अपने साथ ले गईं। उनके जाने के बाद पार्टी कार्यालय में चर्चा हाेती रही, पदाधिकारियों को अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए, कार्यकर्ताओं में क्या संदेश जाएगा?
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