रायपुर। महुआ से शराब नहीं, बल्कि स्वादिष्ट मिठाई तैयार की जा रही है। जशपुर जिले के घोलेंग में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने इसकी शुरुआत की है। वनांचल की महिलाएं अब स्व-रोजगार से जुड़कर आर्थिक लाभ ले रहीं है।
महुआ से स्वादिष्ट लड्डू तैयार करके अमेजन पर इसका आनलाइन विक्रय भी शुरू हो चुका हैं। इसे आरोग्य महुआ लड्डू का नाम दिया गया है। शुगर फ्री इस लड्डू को कुपोषण से लड़ने में लाभकारी बताया गया है। महिला स्व-सहायता समूह से जुड़े व युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन ने बताया कि महुआ लड्डू के फायदे अनेक है। इसमें आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, मैंगनीज, जिंक, कोबाल्ट जैसे अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत है।
यह रक्त में ग्लूकोज की अचानक वृद्धि को रोकने में मदद करता है। गौरतलब है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए गांव-गांव में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) की शुरूआत की गई है। रीपा में लगातार नवाचार के माध्यम से कई उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।
पहले शराब बनाने के लिए, अब कई उत्पाद
जशपुर में महुआ, चार, चिरौंजी, साल-सागौन एवं अन्य वन संपदा भरपूर मात्रा में पाया जाता है। पहले महुआ का उपयोग शराब बनाने के लिए किया जाता था, लेकिन अब महुआ से स्वादिष्ट लड्डू, कुकीज, बिस्किट एवं अन्य खाद्य साम्रगी तैयार की जा रही है। यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद रहता है।
जशुपर में तैयार महुआ लड्डू की खासियत यह है कि आरोग्य महुआ लड्डू, जंगली महुुआ फूल, देशी घी और गुड़, गोंद और अश्वगंधा से तैयार किया जा रहा है। एक पैकेट में 15 नग महुआ पैकिंग किया जाता है, यह शुगर फ्री होता है। इसका मूल्य 255 रूपए निर्धारित किया गया है।
सरगुजा में महुआ से बन रही बेकरी यूनिट
जानकारी के मुताबिक सरगुजा जिले के बतौली के मंगारी गौठान की चंपा समूह की महिलाएं भी महुआ से विभिन्न् उत्पाद तैयार कर रही है। महिलाओं ने 15 दिनों का प्रशिक्षण लेकर बेकरी यूनिट की शुरुआत की है। इस यूनिट में महिलाओं के समूह को हर दिन ढाई से तीन हजार रुपये की आमदनी हो रही है। महुआ से ब्रेड टोस्ट,कुकीज बनाकर बाजार में सप्लाई किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने भी महुआ कुकीज की मांग को अन्य बेकरी यूनिट प्रारंभ करने की तैयार कर ली है।
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