कुकड़ेश्वर। नगर का सहस्त्रमुकेश्वर महादेव मंदिर अति प्राचीन व चमत्कारी मंदिर जो कि वर्तमान मे सहस्त्र मुकेश्वर महादेव मंदिर के नाम से विख्यात है यहा मंदिर के पास में विशालकाय सरोवर हैं जो कि सुंदर एवं हरियाली से हरा भरा है सावन के महीने में भक्तों का यहां पर दिनभर तांता लगा रहता है एवं दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पर दर्शन करने आते हैं। वह भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती हैं। इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग द्वारा भी यहां पर सुंदरीकरण का कार्य किया गया।
मंदिर का इतिहास व विशेषता
नगर का सहस्त्रमुकेश्वर महादेव मंदिर 500 वर्ष पुराना चमत्कारी मंदिर है। यहां पर शिवरात्रि के दिन साक्षात नाग देवता दर्शन देने भक्तों को आते हैं। मान्यता है कि यहां पर दर्शन भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है एवं आसपास के क्षेत्र से भक्तों का सावन महीने में तांता लगा रहता है एवं प्रतिवर्ष यहां पर शिवरात्रि में भव्य व आकर्षक मेला लगता है। सावन के अंतिम सावन सोमवार को नगर में भव्य शाही सवारी निकाली जाती है। जिसको देखने के लिए पूरे जिले के भक्त आते हैं।
इनका कहना
सभी दुख दूर हो जाते हैं
मंदिर में सहस्त्रमुकेश्वर महादेव के दर्शन मात्र करने से ही इंसान के सभी दुख दूर हो जाते हैं एवं यहां पर सभी की मनोकामना पूर्ण होते हैं। अनेकों मुख वाला यह शिवलिंग पूरे विश्व में सिर्फ कुकड़ेश्वर में ही स्थापित है।
-उदित सेन, भक्त
500 वर्ष पुराना मंदिर
भगवान सहस्त्रमुकेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन व 500 वर्ष पुराना है। यहां वर्ष में एक बार शिवरात्रि को भव्य आकर्षक मेला लगता है। सावन महीने में भक्तों का तांता लगा रहता है एवं सावन के अंतिम सोमवार को नगर के भक्तों द्वारा जन सहयोग से भव्य आकर्षक शाही सवारी निकाली जाती है।
– कैलाश गोस्वामी, मंदिर पुजारी
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