फ्रांस में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पांचवीं रात यानी शनिवार को भी कई इलाकों में विरोध-प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं। पुलिस ने बताया कि हिंसा के मामले में शनिवार को 719 लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे एक दिन पहले 1300 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मीडिया सूत्रों के मुताबिक हिंसा की घटनाओं को लेकर अब तक 2400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन हिंसा कम नहीं हो रही है।
जानिए पूरा मामला
फ्रांस के नैनटेरे उपनगर में 17 वर्षीय किशोर नाहेल (Nehal) की पुलिस फायरिंग में मौत के बाद हिंसा और विरोध प्रदर्शन जारी है। मंगलवार 27 जून को ट्रैफिक जांच के दौरान 17 वर्षीय नाहेल की हत्या का वीडियो सामने आया है। उसके बाद से पेरिस उपनगर में गुस्सा फूट पड़ा और तेजी से पूरे देश में हिंसा भड़क गई। इस बीच शनिवार को किशोर नाहेल को दफना दिया गया। लेकिन भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद पांचवी रात यानी शनिवार को भी व्यापक विरोध-प्रदर्शन हुए। कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की गई। साथ ही सैकड़ों पुलिस थानों-सरकारी भवनों पर हमले हुए हैं।
अब तक 2,400 गिरफ्तार
फ्रांस के गृह मंत्रालय ने बताया कि हिंसा रोकने के लिए देशभर में 45,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। मंगलवार रात को प्रदर्शन की शुरुआत के बाद से पुलिस ने कुल 2,400 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से आधी से ज्यादा गिरफ्तारियां हिंसा की चौथी रात को हुईं। इस दिन 1300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि विभिन्न जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने करीब 2,500 दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की है।
सोशल मीडिया जिम्मेदार?
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने देश में बेकाबू हालात के लिए सोशल मीडिया को काफी हद तक जिम्मेदार ठहराया है। मैक्रों ने उन सोशल मीडिया प्लेटफार्म को आड़े हाथों लिया, जिन्होंने हिंसा और कारों तथा इमारतों को आग लगाए जाने की तस्वीरें प्रसारित की हैं। सोशल मीडिया ऐप स्नैपचैट और टिकटॉक पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इनका इस्तेमाल अशांति फैलाने के लिए किया जा रहा है। शुक्रवार को अपने भाषण के दौरान, मैक्रों ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ‘जिम्मेदारी’ समझने की उम्मीद है।
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