सिवनी में इंस्टाग्राम से लड़कियों की फोटो निकाल बना रहे पॉर्न , अश्लील फोटो एडिटिंग कर किया जा रहा ब्लैकमेल

-सिवनी के दो युवकों के नाम आ रहे सामने
-पुलिस थाने में शिकायत की खबर
-शिकायत दर्ज करने का ऑनलाइन माध्यम
राष्ट्र चंडिका,सिवनी। जिला मुख्यालय में कई लड़कियों की इंस्टाग्राम प्रोफाइल से उनकी फोटो डाउनलोड कर एडिटिंग कर पॉर्न  वीडियो और पॉर्न फोटोज में मॉर्फ़ कर उन्हें ब्लैकमेल करने का मामला सामने आया है ।
सिवनी में ऐसा बीते कई दिनों से हो रहा है, जिसमे जिले की कई लड़कियां इसका शिकार हुई है. समाचार लिखे जाने तक प्राप्त जानकारी के अनुसार सिवनी के ही कुछ युवकों द्वारा लड़कियों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है।
इंस्टाग्राम यूजर लगातार ही इंस्टाग्राम से लड़कियों को अपनी प्रोफाइल से फ़ोटो डिलीट कर प्रोफाइल डीएक्टिवेट करने की सलाह दे रहे है।
सिवनी के दो युवकों के नाम आ रहे सामने
जानकारी के अनुसार सिवनी जिले के 2 युवकों के नाम इस पूरे मामले में सामने आ रहे है, जिसमे से एक युवक काली चौक निवासी बताया जा रहा है और दूसरे युवक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है।
हालांकि हमारे पास दोनों युवकों के नाम है किंतु समाचार लिखे जाने तक इस पूरे मामले में पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो पाई है। इस लिए उनके नाम प्रकाशित नहीं किये जा रहे है।
पुलिस थाने में शिकायत की खबर
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिवनी कोतवाली में इस पूरे मामले को लेकर शिकायत दर्ज की गई है. . हालाँकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि शिकायत दर्ज की गयी है या नहीं. इस घटना में शिकार हुई लड़कियों की इंस्टाग्राम प्रोफाइल को सर्विलांस में रखा गया है और जांच जारी है। जल्द ही इस पूरे मामले में बड़ा खुलासा होने की संभावना है।
ब्लैकमेलर्स के साथ न उलझें क्योंकि इससे सभी समाधानों पर पानी फिर जाएगा। ब्लैकमेलर खुद को इस स्थिति में अधिक शक्तिशाली महसूस कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप संभवत: उत्तेजित मांगें हो सकती हैं। ब्लैकमेलर यह दावा भी कर सकता है कि आरोप लगाने वाला भी इस कृत्य में सक्रिय था और यह सहमति से किया गया था।
ब्लैकमेलर के साथ कोई जुड़ाव न होने का मतलब ‘कोई बातचीत न करना’ भी है। बातचीत करने या उनकी मांगों को मानने से अपराधियों को अधिक शक्ति मिलती है – और वे इस शक्ति का उपयोग और भी अधिक धमकियां देने के लिए कर सकते हैं।
एक शिकायत दर्ज़ करें
साइबर अपराध वैश्विक अधिकार क्षेत्र में आते हैं; इसका मतलब यह है कि कोई भी व्यक्ति भारत में कहीं भी शिकायत दर्ज कर सकता है, चाहे आपका स्थान कहीं भी हो। अपने नजदीकी साइबर सेल से संपर्क करें और ब्लैकमेल की जानकारी वहां मौजूद अधिकारी को दें।
कोई व्यक्ति एक अलग साइबर सेल कार्यालय के साथ स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी एफआईआर दर्ज कर सकता है। यदि आपका आवेदन खारिज हो जाता है, तो उस क्षेत्र के न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास जाएं जहां आवेदन दायर किया गया है।
शिकायत दर्ज करने का ऑनलाइन माध्यम
गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट दर्ज करने और सभी साइबर अपराध सुविधाओं को ट्रैक करने के लिए एक ऑनलाइन राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल लॉन्च किया है। उक्त पोर्टल में दो प्रकार के मामले दर्ज किए जाते हैं: महिलाओं से संबंधित मामले और अन्य अपराध (संबंधित साइबर अपराध)।
पीड़ित को नाम, राज्य, मंच जहां घटना हुई, आरोपों का समर्थन करने के लिए साक्ष्य का एक संलग्न दस्तावेज, संदिग्ध से संबंधित जानकारी आदि जैसी जानकारी जमा करनी होगी।
हालांकि यदि पीड़ित रिपोर्ट करने में देरी करता है तो पोर्टल ‘रिपोर्टिंग में देरी का कारण’ का विकल्प प्रदान करता है, लेकिन अगर रिपोर्ट ब्लैकमेलिंग के प्रारंभिक चरण में दर्ज की गई है तो यह उचित है।
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