सागर। सागर जिले में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरीश दुबे के द्वारका विहार कालोनी में शुक्रवार सुबह आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की कार्रवाई की गई। सुबह से दोपहर तक छह घंटे चली इस कार्रवाई में दुबे के निवास पर कई दस्तावेज मिले, जिन्हें टीम अपने साथ ले गई। कार्रवाई खत्म होने के बाद दुबे को गिरफ्तारी होनी थी, जो कि 15 मिनट बाद स्थगित हो गई। टीम ने उनके निवास पर ही उन्हें नजरबंद कर दिया।
दुबे सागर में करीब पौने 3 साल से पदस्थ हैं। उनके जबलपुर और नरसिंहपुर के ठिकानों पर भी ईओडब्ल्यू टीम द्वारा कार्रवाई की गई है। उनकी 2008 से हुई नियुक्ति से अब तक करीब आय से 600 गुना अधिक संपत्ति मिलने की बात सामने आ रही है।
दुबे पर पिछले साल व्यापारियों द्वारा कार्रवाई के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत भी कलेक्टर से की गई थी। बताया जा रहा है कि शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू टीम को जबलपुर के शताब्दीपुरम स्टार पार्क में स्थित 90 लाख रुपये कीमत का बंगला एवं करीब ढाई हजार वर्ग फीट का एक प्लाट जिसकी कीमत करीब 65 लाख रुपये होने के सबूत मिले हैं।
नरसिंहपुर की शुगर मिल में भी अमरीश दुबे द्वारा 90 लाख रुपये निवेश करने के दस्तावेज भी मिले हैं। नरसिंहपुर में ही लाखों रुपये कीमत के दो प्लाट की रजिस्ट्री के अलावा यहां बैंक लाकर और विभिन्न खातों के मिलने की भी सूचना ईओडब्ल्यू टीम को मिली है।
इसके अलावा चल संपत्ति में चार पहिया वाहन के भी होने के सबूत मिले हैं। गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बीती शाम नामी कंपनी के शापिग माल पर बड़ी कार्रवाई की थी। उन्होंने यहां से एक्सपायरी डेट का सामान भी बड़ी मात्रा में जब्त किया था। दुबे के खिलाफ व्यापारी संघ कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। उन पर व्यापारियों से वसूली, आय से अधिक संपति के आरोप लगाए गए थे।
जाने के 10 मिनट बाद फिर लौटी टीम
दोपहर एक बजे टीम के सदस्य कार्रवाई खत्म करने के बाद वापस लौटे। उनके हाथ में तीन बस्तों में कई दस्तावेज देखे गए। दो गाड़ियों से आई टीम मकान से वापस तो गई, लेकिन महज 10 मिनट में ही फिर लौट आई। गाड़ी से उतरते ही टीम के सदस्य दौड़ कर दुबे के आवास में पहुंचे, जहां उन्होंने दरवाजा खटखटाया, जहां करीब दो मिनट बाद दुबे ने दरवाजा खोला। दुबे ने टीम से वापस आने का कारण पूछा, तो टीम ने उन्हें अपने साथ चलने को कहा। जब दुबे ने जाने से इन्कार किया तो टीम ने कहा कि ऊपर से आदेश है। आपको हमारे साथ चलना पड़ेगा। इसके बाद अमरीश दुबे की एक न चली।
खाना खाने के लिए मांगा समय और टल गई गिरफ्तारी
दुबे ने कहा कि वह खाना खाकर चलते हैं, इस पर टीम ने कहा कि उनके यहां खाने की व्यवस्था है। वहीं खिला दिया जाएगा। फिर उन्होंने अपनी तबीयत का हवाला देते हुए उनसे घर का ही खाना खाने की बात कहीं, जिसके बाद टीम के सदस्य मान गए और उन्होंने जल्दी खाना खाकर चलने को कहा। इसके बाद करीब 15 मिनट बाद टीम के सदस्य दुबे के निवास से अकेले ही बाहर निकले।
वहां मौजूद नवदुनिया की टीम ने जब उनसे दुबे की गिरफ्तारी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी करने नहीं आए थे। हालांकि टीम ने दुबे को घर में ही नजरबंद कर दिया। निगरानी के लिए एक पुलिस कर्मी को उनके घर पर ही रोक दिया गया। इस संबंध में ईओडब्ल्यू की निरीक्षक लक्ष्मी यादव ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के सागर स्थित निवास पर दबिश दी गई है। यहां से कुछ दस्तावेज मिले हैं। नरसिंहपुर, जबलपुर में चल रही जांच में यह दस्तावेज मददगार होंगे।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.