जबलपुर। हाई कोर्ट ने जबलपुर के बहुचर्चित वेदिका ठाकुर हत्याकांड के आरोपित प्रियांश विश्वकर्मा के पिता का मकान तोड़ने के मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। प्रियांश के पिता लीलाधर विश्वकर्मा ने याचिका दायर कर बताया कि नगर निगम जबलपुर की ओर से उन्हें चार नोटिस भेजे गए हैं। इसमें कहा गया है कि मकान का निर्माण अवैध है, इसलिए क्यों न उसे तोड़ दिया जाए। न्यायमूर्ति जीएस आहलूवालिया की एकलपीठ ने याचिका यह कहते हुए निरस्त कर दी कि याचिकाकर्ता के पास अन्य विकल्प उपलब्ध हैं।
हाई कोर्ट ने यह कहा
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि याचिकाकर्ता ने खुद यह स्वीकारा किया है कि उसने निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा प्राप्त नहीं की है। इसके साथ-साथ भवन स्वीकृति लिए बिना ही निर्माण कराया गया है। इसके अलावा जिस नवनिवेश कालोनी में उक्त मकान बनाया गया है, वह अवैध कालोनी है। इन सभी कारणों से कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
याचिकाकर्ता ने यह कहा
लीलाधर विश्वकर्मा ने याचिका दायर कर अवगत कराया कि नगर निगम ने उसे 26 जून से 30 जून के बीच धारा 307(3) के चार नोटिस भेजे। उसने इन नोटिस का जवाब भी दिया। याचिकाकर्ता का कहना है कि जमीन उसके ही नाम पर है और वह लगातार इसका टैक्स भी जमा कर रहा है। वहीं, नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता ने बिना भवन अनुज्ञा और नक्शा स्वीकृत कराए निर्माण कराया है, जोकि अवैधानिक है। ऐसे मामले में कंपाउंडिंग का प्रविधान भी नहीं है। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने लीलाधर की याचिका निरस्त कर दी।
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