संविदा शिक्षक भर्ती मामले में हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव से मांगा जवाब 18 वर्ष के अभ्यर्थियों को प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश
भोपाल। संविदा शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आयु सीमा 21 वर्ष निर्धारित किए जाने का मामला हाई कोर्ट जबलपुर पहुंच गया है।
कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए 18 वर्ष के याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से जवाब मांगा है।
विभाग ने संविदा शाला शिक्षक भर्ती नियम, 2018 के प्रविधान के विपरीत 2020 की पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष तय कर दी। जबकि नियोजन के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु 18 वर्ष है।
नरसिंहपुर की अंकिता इरपाचे और शिवानी ठाकुर की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर वर्ष 2020 में नियमों में किए गए बदलाव को चुनौती दी है।
ठाकुर बताते हैं कि याचिका की प्रारंभिक सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने सोमवार को की।
सुनवाई में पाया कि आयुक्त लोक शिक्षण ने शिक्षक सेवा भर्ती नियम 2018, सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट निर्देश और कानून के विपरीत निर्देश जारी करके नियोजन के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु 18 वर्ष के स्थान पर 21 वर्ष की गई है जो प्रथमदृष्टया असंवैधानिक है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश दिया है।
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