भोपाल। प्रदेश में किसी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने से अब वर्षा की गतिविधियों में धीरे-धीरे कमी आने लगेगी। कुछ बादल छंटने से बीच-बीच में धूप भी निकलेगी। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक सागर, रीवा, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है। शेष जिलों में कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं। बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस मौसम प्रणाली के आगे बढ़ने पर पांच-छह जुलाई से एक बार फिर प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है।
उधर पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक दतिया में 47, ग्वालियर में 36.4, इंदौर में 19.8, पचमढ़ी में 18, नौगांव में 17.8, नर्मदापुरम में 12.5, टीकमगढ़ में 11, छिंदवाड़ा में 10.8, शिवपुरी में 10, खंडवा में 10, उज्जैन में नौ, भोपाल में 8.9, सागर में 7.8, रायसेन में 7.6, सतना में सात, उमरिया में 5.2,सिवनी में 1.8, रतलाम में एक, खजुराहो में एक, मंडला में 0.5, धार में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात कमजोर पड़कर उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ चला गया है। इस चक्रवात से लेकर मणिपुर तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। इसके अतिरिक्त मप्र के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई अन्य मौसम प्रणाली फिलहाल सक्रिय नहीं है। इस वजह से वर्षा की गतिविधियों में कमी आने लगी है। हालांकि वातावरण में काफी नमी रहने के कारण पूर्वी मप्र के सागर, रीवा, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में शनिवार-रविवार को गरज-चमक के साथ वर्षा हो सकती है। शेष जिलों में भी कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं। बीच-बीच में धूप भी खिलेगी। पांच जुलाई के बाद एक बार फिर वर्षा का दौर शुरू हो सकता है।
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